इटावा। उत्तरप्रदेश में इटावा जिले के सैफई मेडिकल यूनिवसिर्टी मे एमबीबीएस (MBBS) प्रथम साल के छात्र की सदिंग्ध हालात में मौत से हडंकप मच गया है। पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या है वहीं मृतक के परिजन इसे हत्या बता रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले पर सख्ती दिखाते हुए अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं।
मूल रूप से गोरखपुर जिले के थाना गोरखनाथ क्षेत्र के ज्ञानपुरम कॉलोनी निवासी शिवजी गुप्ता का पुत्र हिमांशु (19) सैफई मेडिकल यूनिवसिर्टी के शाक्यमुनि हास्टल के कमरा नंबर 209 में रहकर एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहा था। शनिवार रात हिमांशु मैस में खाना खाने के लिए नहीं पहुंचा तो पड़ोसी सहपाठी साथियों ने आकर दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया जब अंदर से कोई आवाज नहीं आई तो सुरक्षा गार्ड को जानकारी दी।
मौके पर पहुंचे सुरक्षा गार्ड और साथी छात्रों ने काफी प्रयास करने के बाद दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो हिमांशु का शव पंखे पर चादर के बने फंदे पर लटक रहा था। इसकी सूचना हास्टल वार्डन एवं यूनीवसिर्टी प्रशासन को दी गयी और आनन-फानन में छात्र का शव पंखे से उतारकर यूनीवसिर्टी के ट्रामा सेंटर में ले गए जहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
पुलिस की प्राथमिक छानबीन में खुदकशी की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। पुलिस ने पास के कमरों में रहने वाले साथी छात्रों और सहपाठियों से पूछताछ कर रही है। इस दौरान पुलिस द्वारा तलाशी के दौरान कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। सूचना मिलने पर आज तड़के हिंमाशु के माता नितर सैफई पहुंच गये। मां सरिता ने कहा कि उनके पुत्र की हत्या की गई है।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले की जांच की गुहार लगाई थी। उनका तर्क था कि हिमांशु के शरीर में चोटों के निशान हैं, जिस कमरे में मेरे बेटे का शव मिला, वह पूरी तरीके से साफ सुथरा था और बेडशीट भी फोल्ड कर रखी हुई थी। जब मेरे बेटे का शव इटावा मोर्चरी में पहुंचा है तो वहां पर उसके शरीर पर कई जगह घाव और खून लगा हुआ था, इसे क्या समझा जाए।
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सत्यपाल सिंह ने कहा कि तीन डॉक्टरों के पैनल के माध्यम से पोस्टमार्टम कराया गया है आगे की कार्रवाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद की जाएगी।
बेहतर इलाज के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लोकप्रिय सैफई मेडिकल यूनिवसिर्टी में एक के बाद एक संस्थान में जूनियर डॉक्टरों के आत्महत्या कर लेने की घटनाओं ने यहां की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है।
सैफई में वर्ष 2019 में हत्या व आत्महत्या की तीन घटनाएं हुई थीं और अक्टूबर 2020 में चौथी आत्महत्या की घटना हुई थी। अब 2022 में यह पांचवीं घटना घटित हुई है।