देहरादून। कांग्रेस के 53 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने के बाद टिकट न मिलने वालों ने जगह-जगह बवाल मचाया हुआ है। रुद्रप्रयाग विधानसभा में टिकट प्रदीप थपलियाल को मिलने पर पार्टी में घमासान सामने आया है। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सुश्री लक्ष्मी राणा को अपना प्रत्याशी घोषित किया था।उस समय प्रदीप थपलियाल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष थे।
प्रदीप थपलियाल ने कांग्रेस के जिला अध्यक्ष होने के बावजूद अपनी पार्टी को कमजोर करने के लिए लक्ष्मी के खिलाफ चुनाव लड़ा, जिस कारण पार्टी को भारी नुकसान हुआ और लक्ष्मी राणा चुनाव हार गईं। टिकट के लिए तैयारी करने वाले सभी दावेदारों का कहना है यदि प्रदीप थपलियाल को पार्टी ने टिकट देकर बहुत बड़ा गलत निर्णय लिया है और वह अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस भवन में अपना इस्तीफा सौंप देंगे।
ऐसा कहने वालों में प्रमुख दावेदार मातबर सिंह कंडारी पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड सुश्री लक्ष्मी राणा, वीरेंद्र बुटोला, अंकुर रौथाण, राजीव कंडारी, नरेंद्र बिष्ट, बंटी जगवाण, चैन सिंह पंवार, किशोर रौथाण, कालीचरण रावत, संजय रौथाण, हयात कंडारी, अंकित नेगी शामिल हैं। इन लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रदीप थपलियाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के रिश्तेदार लगते हैं, जिसका फायदा प्रदीप को मिला।
यमुनोत्री विधानसभा के कांग्रेस पार्टी से टिकट के प्रबल दावेदार माने जाने वाले संजय डोभाल को भी टिकट नहीं मिलने पर वे भी पार्टी से बगावत करने पर उतर गए हैं। संजय डोभाल ने रविवार को कांग्रेस पार्टी से स्तीफा देकर यमुनोत्री विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है।
पौड़ी विधानसभा के अंतर्गत 2002 से कांग्रेस में सक्रिय रहे तामेश्वर आर्य ने भी कांग्रेस का टिकट न मिलने पर आप पार्टी का दामन थाम लिया।बागेश्वर और गंगोलीहाट में भी पूर्व में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे बालकृष्ण और नारायण राम आर्य ने अपना कांग्रेस से टिकट कटने पर कांग्रेस से विद्रोह का बिगुल फूंक दिया।