देहरादून। हरक सिंह रावत की कांग्रेस में एंट्री बाकायदा माफीनामा लिखकर हुई है। कांग्रेस में शामिल होने से पूर्व हरक सिंह ने जनता से क्षमा-याचना भी की और यह भी कहा कि हरीश रावत सरकार के आसपास भी बीजेपी की सरकार नहीं रही। पत्र में आगे कहा गया है कि सरकार से जो उम्मीद जगती थी, वह कुछ समय में धूमिल हो जाती गई। सरकार का कार्यकाल समाप्त होने के समय भी मैंने बार-बार भाजपा नेताओं को आगाह किया कि चुनावी वादों को पूरा करो लेकिन जब कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई तो अंतत: मैंने भाजपा को छोड़ने का फैसला ले लिया।
आज मैं जब पूर्व की घटनाओं का अवलोकन कर रहा हूं और भाजपा व पूर्व कांग्रेस सरकार का तुलनात्मक अध्ययन कर रहा हूं तो इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उत्तराखंड की समस्याओं को सुलझाने व उत्तराखंड के चहुंमुखी विकास में कांग्रेस की सरकार का बेहतरीन योगदान रहा है। पूर्व की इन घटनाओं के अवलोकन से ऐसा महसूस होता है कि कांग्रेस छोड़ने का फैसला मेरे राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी भूल थी जिसके लिए मैं कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ताओं व नेताओं तथा उत्तराखंड की महान जनता से क्षमा-याचना करता हूं।
उत्तराखंड के विकास में हरीश रावत के नेतृत्व वाली सरकार के आगे भाजपा सरकार दूर-दूर तक भी कहीं मुकाबला नहीं कर पाई। जनता से झूठे वादे कर ठगने वाली व लोकतंत्र को अपमानित करने वाली भाजपा ने आगामी चुनावों में वोट मांगने का नैतिक अधिकार भी खो दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि आज मुझे एहसास हुआ कि उत्तराखंड का तभी भला होगा, जब उत्तराखंड में पूर्ण बहुमत की स्थिर सरकार बनेगी इसलिए मैं कांग्रेस सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत से प्रयास करूंगा ताकि जो सपने उत्तराखंड बनाने वाले आंदोलनकारियों ने देखे थे, वे पूरा हो सकें। 2016 में भाजपा ने कांग्रेस सरकार को अस्थिर कर अपनी सरकार बनाने के लिए कांग्रेस विधायकों का दुरुपयोग किया और लोकतंत्रात्मक तरीकों को तार-तार कर दिया था।