देहरादून। भाजपा से निष्कासित हरक सिंह रावत को कांग्रेस अपने साथ लेगी या नहीं, इस रहस्य पर 72 घंटे बाद भी पर्दा ही है। बीते 3 दिन से हरक सिंह को कांग्रेस में शामिल होने की खबरें आई थीं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि हरीश रावत व उनके समर्थकों के विरोध के बाद पार्टी हाईकमान ने हरक सिंह मामले में बुधवार को भी अपना फैसला नहीं सुनाया। 3 दिन की पसोपेश के बाद भी सोनिया-राहुल ने 2016 के बागी हरक की वापसी के मुद्दे पर अभी तक हां नहीं की है।
प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने माना कि हरक को लेकर कांग्रेस का एक हिस्सा विरोध में है। लेकिन उनका यह भी कहना है कि सभी से बातचीत के बाद हरक सिंह को जल्द ही पार्टी में शामिल करा लिया जाएगा। हरक से जुड़े करीबी सूत्रों का भी यही कहना है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं की मौजूदगी में जल्द ही पार्टी में वापसी करेंगे।
पार्टी नेतृत्व हरक की वापसी के बाद होने वाले नफा-नुकसान का भी आंकलन करने में जुट गया है। बागी हरक की वापसी पर हरीश गुट की नाराजगी भी चुनाव में नुकसान का सबब न बने इसके उपाय भी सोचे जा रहे हैं। विरोधियों द्वारा तीन दिन से हरक सिंह के भाजपाई कार्यकाल से जुड़े मामले भी दस जनपथ पहुंचाए जा रहे थे।
हरीश समर्थक प्रदीप टम्टा, कुंजवाल, हरीश धामी समेत अन्य नेताओं ने भी 2016 की बगावत में हरक की भूमिका को नए सिरे से जिंदा किया। उस समय के विधानसभा के अंदर के वीडियो भी खूब वायरल कराए गए। हरीश रावत भी लगातार 2016 के घटनाक्रम की याद दिलाने से नहीं चूक रहे हैं।
इस मुद्दे पर प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल व नेता प्रीतम सिंह एक साथ थे। दोनों ही लंबे समय से हरक की पार्टी में वापसी को लेकर अपनी मुहिम में जुटे हुए थे।बुधवार को भी दिनभर हरक के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर खबरें जोरों पर थीं, लेकिन हाईकमान से कोई फोन नहीं आने पर शामिल होने का मामला लटक गया।
ग्रीन पार्क के अपने फ्लैट में रुके हरक सिंह दस जनपथ के फोन का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई फोन नहीं आया। गोदियाल अब भी कह रहे हैं जल्द ही हरक सिंह को पार्टी में शामिल कर लिया जाएगा।