अल्मोड़ा। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार से शुरू अपने 4 दिवसीय चुनाव दौरे के दूसरे दिन आज अल्मोड़ा में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता को आम आदमी पार्टी के रूप में एक अच्छा विकल्प मिल चुका है। आप को एक मौका दें आप ने जो वादा किया है वह हम निभाएंगे। हमारे विकास का मॉडल दिल्ली है। पूर्ण बहुमत से आप प्रदेश में सरकार बनाएगी।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इन दो दशकों में भाजपा-कांग्रेस की सरकारें बारी-बारी से आईं। इनके घोषणा पत्र उठाकर देख लो। एक भी वादा आज तक पूरा नहीं किया। अगर वादा पूरा किया होता तो भाजपा को तीन मुख्यमंत्री नहीं बदलने पड़ते।
शिक्षा का सबसे बुरा हाल है।सरकार को यह मालूम है कि अगर बच्चा पढ़-लिख गया तो वह सवाल पूछने लगेगा इसलिए उसको अशिक्षित रखकर ही बरगलाया जा सकता है।शिक्षा के साथ स्वास्थ्य, बिजली, पानी, सड़क के बुरे हाल हैं। नए मुख्यमंत्री ने कम समय में 1300 घोषणाएं कर दीं, लेकिन अभी तक एक में भी आदेश नहीं हुआ।
डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा कि हकीकत जाननी है कि आप ने दिल्ली में क्या किया तो उत्तराखंड का हर दूसरा आदमी दिल्ली में रहता है। उनसे पूछ लें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कितना विकास किया है। वह आपको हकीकत बता देगा। जो 6 दशकों में नहीं हुआ था, वह केजरीवाल सरकार ने 5 साल के अंदर कर दिखाया।
सिसोदिया ने उत्तराखंड के लोगों से कहा कि अगर वे सत्ता में आए तो एक लाख सरकारी नौकरियां देंगे। 5 हजार भत्ता, जब तक नौकरी नहीं मिलेगी। भाजपा सरकार कहती है, पैसा नहीं है। पैसा है बहुत है लेकिन नियत नहीं है। जनता के टैक्स का पैसा यह नेता लूट रहे हैं।
विधि-विधान से शुरू हुआ माता अनुसूया का 2 दिवसीय मेला : संतान दायिनी शक्ति शिरोमणि माता अनुसूया का दो दिवसीय मेला विधि विधान व पूजा-पाठ के साथ शुक्रवार को शुरू हो गया। दत्तात्रेय जयंती के अवसर पर क्षेत्र की सभी देवियों की डोलियां भी सती मां अनुसूया के दरबार पहुंची। मां अनुसूया मंदिर में दत्तात्रेय जयंती पर सम्पूर्ण भारत से हर वर्ष नि:संतान दंपति और भक्तजन अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए पहुंचते हैं।
जिला प्रशासन ने मेले के दौरान पूरे पैदल मार्ग पर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किए हैं। विदित हो कि पौराणिक काल से दत्तात्रेय जयंती पर हर वर्ष सती माता अनुसूया का दो दिवसीय मेला लगता है। मां अनुसूया मेले में नि:संतान दंपति और भक्तजन अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए पहुंचते हैं।
मान्यता है कि मां के दर से कोई खाली हाथ नहीं लौटता। मां सबकी झोली भरती हैं। इसलिए नि:संतान दंपति पूरी रात जागकर मां की पूजा-अर्चना कर करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में जप और यज्ञ करने वालों को संतान की प्राप्ति होती है।
बताते चलें कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने मां अनुसूया के सतीत्व की परीक्षा लेनी चाही थी, तब उन्होंने तीनों को शिशु बना दिया। यही त्रिरूप दत्तात्रेय भगवान बने। उनकी जयंती पर यहां मेला और पूजा-अर्चना होती है।