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Valentine day 2020 : दिल का टूटना सबसे अच्छा

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अनिरुद्ध जोशी

, बुधवार, 12 फ़रवरी 2020 (15:05 IST)
बेजान इस दिल को, तेरे इश्क ने जिंदा किया।
फिर तेरे इश्क ने ही, इस दिल को तबाह किया।।
 
 
प्यार में दिल टूट जाना आजकल आम बात हो चली है। इसका सीधा-सा कारण है आधुनिक और बेहतर होने की होड़। बहुत तेजी से बदल रहा है यह दौर। भारत नया-नया धनवान होने की राह पर है तो ऐसे में हर किसी के मन में संसार की सभी सुविधाएं पा लेने की होड़ है।
 
 
कुछ लड़कियां शायद प्यार को अपनी सफलता की सीढ़ी बनाने लगी है तो कुछ लड़कियां उस तरह के लड़के तलाश करने लगी है जिसके साथ रहने में जरा भी संघर्ष न करना पड़े। इस सब के चक्कर में लड़कियों को तो कई बार बड़े हादसे से गुजरना होता है और जो लड़का किसी लड़की से सचमुच ही प्यार करने लगा है तो उसे भी दिल टूटने के अहसास को सहना होता है।


ओशो कहते हैं कि प्यार के लिए किसी भी प्रकार की रोक टोक नहीं होनी चाहिए। प्यार में कोई गिरेगा नहीं तब तक संभलने का मजा भी नहीं। दिल लगाना और दिल का टूटना दोनों ही अच्छी स्थिति है। खासकर दिल का टूटना तो और भी बेहतर है। ऐसे कई साहित्यकार, कवि, अभिनेता, वैज्ञानिक है जिनका अपनी जवानी में दिल टूटा और वे महान बन गए।
 
 
कुछ नहीं रखा है दिल लगाने में जब तक की वह टूट नहीं जाता। दिल टूटने के बाद कई लोग निराशा के गर्त में चले जाते हैं। कई तो आत्महत्या तक कर लेते हैं, लेकिन ओशो कहते हैं कि प्यार में उठो, गिरो मत। दरअसल, जिसने तुम्हारा दिल तोड़ा वह तुम्हारे लायक ही नहीं था। वह सचमुच ही तुमसे प्रेम करता या करती तो तुम्हारा दिल कभी नहीं टूटता। दिल का टूटना इस बात की सूचना है कि आप किसी गलत के साथ थे। अच्छा हुआ पिंड छूटा।

आपने वो गाना तो सुना ही होगा.. शीशा हो या दिल हो आखिर टूट जाता है...
 
 
ओशो कहते हैं कि यह हो सकता है कि तुमने जो प्रेम समझा था वह प्रेम ही नहीं था। कामवासना, चाहत या कुछ और स्वार्थ था। उससे ही तुम जले बैठे हो और यह भी मैं जानता हूं कि दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंककर पीने लगता है।
 
 
ओशो कहते हैं कि जब तक आप प्रेम में डूबोगे नहीं तब तक कैसे जान पाओगे कि असली तल कहां है। सच्चे प्रेम की तलाश एक भ्रम हैं, क्योंकि आप अपने प्रेमी से अनेक किस्म की आशाएं कर लेते हैं और जब वे पूरी नहीं होती तो कहते हैं कि जीवन में सच्चा प्रेम नहीं मिला। दिल टूट गया।
 
 
किस-दर्जा दिलशिकन थे
मुहब्बत के हादिसे
हम जिंदगी में फिर कोई
अरमां न कर सके।
 
 
जॉर्ज बर्नाड शॉ ने कहा है, दुनिया में दो ही तरह के दुख हैं- एक तुम जो चाहो वह न मिले और दूसरा तुम जो चाहो वह मिल जाए। और दूसरा दुख मैं कहता हूं कि पहले से बड़ा है।...इसलिए मुहब्बत में हदिसे ही लगेगें।

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