मधुर मिलन की स्मृति

गायत्री शर्मा
NDND
तेरा-मेरा वो मधुर मिलन
रात का सुबह से मिलन
साये का शरीर से मिलन
धरती का सूरज से मिलन

होता है क्षणिक किंतु
आनंद उस मिलन का है अपार
अधरों से जब छलकता है प्यार
तो पतझड़ में भी खिलती है कोंपले


खुशी में भी छलकती है आँखें
जीवन में छाता है उल्लास अपार
वो तेरा-मेरा प्यार ...

शरमा के भीतर ही भीतर
करती हूँ जब तेरा आलिंगन
तब लगता है जिंदगी है कितनी खास
भूल जाती हूँ चिंता और डर
जब थाम लेता है तू हाथ
तेरे संग हर दिन सुहाना
और रंगी है हर रात।

मिलन की ये बेला बीत न जाए कहीं
मन का ये मयूर हो न जाए उदास कहीं
इस मिलन को यादगार बना दो
तुम कब आओगे ये बता दो।

Show comments

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?