वेलेंटाइन डे : प्यार का गुलाबी दिन

जिंदा है वही, जिसने प्यार किया है

Webdunia
रेणु जैन
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जब हवा ने फूल को पहली बार चूमा तो खुशबू ने जन्म लिया और जब रोते हुए बच्चे को माँ ने सहलाया तो पहली बार प्यार आसमान से जमीन पर उतरा। बारूदों के मौसम में जी रही इस दुनिया में भले ही सब कुछ समाप्त हो जाए, मगर मोहब्बत फिर भी जिंदा रहेगी। चाँदनी में भीगकर क्या किसी का मन कभी पूरी तरह से भरा है?

क्या हवा की गुनगुनाहट किसी को हर दम के लिए तृप्त कर सकती है? क्या सूरज की रोशनी से कोई पूरी जिंदगी के लिए कुछ ही दिनों में शक्ति पा सकता है और क्या किसी हँसते हुए बच्चे को देखकर मन अंतिम रूप से भर सकता है?...नहीं ना। ठीक वैसे ही है वेलेंटाइन-डे, प्यार को जिंदा रखने का प्रण लेने का दिन है।

डेढ़ हजार वर्ष पूर्व रोम से वेलेंटाइन डे का सफर शुरू हुआ था। दुनिया में इस पर्व को अलग-अलग तरीके से मनाने का प्रचलन है। अब भारत में भी कई विरोधों के बावजूद पूरी धूमधाम से इसे मनाया जाता है। फूल, ग्रीटिंग्स, टॉफ िया ँ, केक, सभी अपने को सजा-सँवारकर इस दिन की अगवानी में जुट जाते हैं। सारे होटल, रेस्टॉरेंट 'दिल' के आकारों के गुब्बारों से सजने लगते हैं। हर जगह बस एक ही, लाल रंग नजर आने लगता है।

ऋतुओं का राजा वसंत भी पूरे उल्लास के साथ इसमें शामिल हो जाता है। इस महीने में खेतों में हरे-पीले फूल कालीन जैसे बिछने लगते हैं। फूलों की खुशबू और जीवन के रस के बीच अद्भुत रिश्ते हैं, जो कभी पुराने नहीं होते। सालों पहले किसी का दिया फूल किताब में सूख जाता है, पर न जाने कौन-कौन से एहसास अपने में दबाए रहता है।

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लाल गुलाब प्रेम के इजहार के लिए तथा पीला गुलाब सिर्फ दोस्ती करने के लिए होता है। वहीं सफेद गुलाब का मतलब होता है हमारा प्यार पवित्र है। गुलाबी गुलाब, जब दिल में कोई धड़कन शुरू कर दें तब इसका एहसास दिलाने के लिए दिया जाता है। वैसे प्यार नापने का कोई पैमाना तो नहीं होता, हाँ प्यार के रूप अनेक होते हैं।

रवीन्द्रनाथ टैगोर ने एक बार कहा था कि जिसने प्यार सच्चे दिल से किया उसकी पहुँच खुदा तक होती है। वहीं वी. यूगो कहते हैं कि जिंदगी का खूबसूरत सत्य यह है कि ' हाँ मैंने प्यार किया खुद से, खुद के लिए।' जिसने प्यार किया वही सही मायने में जिंदा है। प्यार हवा में भी है। उसे समझिए और सूँघ कर फिर अपने में बसा लीजिए।

सच्ची मोहब्बत का गुलाल जितना उड़ता है उससे ज्यादा फैलता है। याद रखिए इस गोल दुनिया में कहीं न कहीं कोई न कोई किसी न किसी जगह पर आपका बेसब्री से इंतजार कर रहा है। तो बस, खुद से प्यार करें फिर जग की छोटी से छोटी चीज से आपको प्यार हो जाएगा।

गुलजार ने कभी लिखा था-
' हमने देखी है
उन आँखों की महकती खुशबू
हाथ से छू के
इसे रिश्तों का इल्जाम न दो
सिर्फ एहसास है ये
रूह से महसूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो
कोई नाम न दो...।'

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