1. वसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठाकर स्नान करने के बाद पीले या सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।
2. इसके बाद एक साफ चौकी लेकर उस गंगाजल छिड़क कर सफेद रंग का वस्त्र बिछाकर उस पर मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
3. वसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के ढाई घंटे या सूर्योस्त के ढाई घंटे बाद ही की जाती है। इसके बाद एक चौकी पर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
4. मां सरस्वती को सफेद या फिर पीले फूल और सफेद चंदन अर्पित करें और इसके बाद मां सरस्वती का श्रृंगार करें।
5. मां का श्रृंगार करने के बाद ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः मंत्र का जाप करें।
6. इसके बाद मां सरस्वती के चरणों में गुलाल तथा लाल व श्वेत गुलाब अर्पित करें।
7. गुलाल अर्पित करने के बाद मां सरस्वती की विधिवत पूजा करें।
8. मां सरस्वती का पूजन करने के बाद पुस्तकों और वाद्य यंत्रों की भी अवश्य पूजा करें।
9. इसके बाद वसंत पंचमी की कथा सुनें या पढ़ें।
10. कथा सुनने के बाद मां सरस्वती की आरती उतारें और उन्हें दही, हलवा, केसर मिली हुई मिश्री के प्रसाद का भोग लगाएं।
11. अंत में मां सस्वती की धूप व दीप से आरती उतारें और पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा मांगें।
12. कुछ जगहों पर वसंत पंचमी के दिन मां की मूर्ति विर्सजन करने की भी परंपरा है। यदि आप भी ऐसा करते हैं तो मां सरस्वती की मूर्ति के साथ उनका सारा समान भी प्रवाहित करें।