पीत रंग वासन्ती शाम

डॉ. ओमप्रकाश सिंह

Webdunia
ND
छत पर ध्यान लगा बैठी है
पीत रंग वासन्ती शाम।
प्रिय के पाँव लौट आए हैं
मिलने को खिड़की के पास

प्यासे होंठ चूम लेते हैं
कभी हँसी में भरी मिठास

गूँगी रात आज सुनती है
पुरवाई के गीत अनाम।
आँखों पर जा बसी चाँदनी
चमक उठे सपनों के घर

ND
परछाई ऊँचे कद होकर
पसर गई है राह बिसर
और चाँद के हाथ
न जाने पिला रहे
किस-किसको जाम।

छत पर ध्यान लगा बैठी है
पीत रंग वासन्ती शाम।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

इजराइल के दुश्मन क्यों है ईरान सहित सभी मुस्लिम देश?

12 जून से मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम, 5 माह तक नहीं होंगे शुभ कार्य

वट सावित्री व्रत दो बार क्यों मनाया जाता है?

शनि देव को अतिप्रिय हैं ये चार फूल: शनि जयंती पर चढ़ाने से दूर होंगे शारीरिक तथा मानसिक कष्ट

वट सावित्री व्रत के दिन नहीं मिले बरगद का पेड़ तो ऐसे करें पूजा

सभी देखें

धर्म संसार

25 मई 2025 : आपका जन्मदिन

वट सावित्री व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

25 मई 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

कांस में ऐश्वर्या ने मांग में सजाया सिन्दूर, दुनिया को दिया देश की संस्कृति और ताकत का संदेश

आल्हा ऊदल ने क्यों लड़ा था पृथ्‍वीराज चौहान से युद्ध?