Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

देवदत्त और अनंतविजय शंख होगा तो जीवन में कभी हारेंगे नहीं

Advertiesment
हमें फॉलो करें देवदत्त और अनंतविजय शंख होगा तो जीवन में कभी हारेंगे नहीं

अनिरुद्ध जोशी

शंख को समुद्रज, कंबु, सुनाद, पावनध्वनि, कंबु, कंबोज, अब्ज, त्रिरेख, जलज, अर्णोभव, महानाद, मुखर, दीर्घनाद, बहुनाद, हरिप्रिय, सुरचर, जलोद्भव, विष्णुप्रिय, धवल, स्त्रीविभूषण, पाञ्चजन्य, अर्णवभव आदि नामों से भी जाना जाता है। स्वस्थ काया के साथ माया देते हैं शंख। शंख दैवीय के साथ-साथ मायावी भी होते हैं। शंखों का हिन्दू धर्म में पवित्र स्थान है। घर या मंदिर में शंख कितने और कौन से रखें जाएं इसके बारे में शास्त्रों में स्पष्ट उल्लेख मिलता है। शिवलिंग और शालिग्राम की तरह शंख भी कई प्रकार के होते हैं सभी तरह के शंखों का महत्व और कार्य अलग-अलग होता है। समुद्र मंथन के समय देव- दानव संघर्ष के दौरान समुद्र से 14 अनमोल रत्नों की प्राप्ति हुई। जिनमें आठवें रत्न के रूप में शंखों का जन्म हुआ। आओ जानते हैं देवदत्त और अनंतविजय शंख के फायदे।
 
 
1.देवदत्त शंख : 
* यह शंख महाभारत में अर्जुन के पास था। वरुणदेव ने उन्हें यह गिफ्ट में दिया था। 
* इसका उपयोग दुर्भाग्यनाशक माना गया है। 
* माना जाता है कि इस शंख का उपयोग न्याय क्षेत्र में विजय दिलवाता है। न्यायिक क्षेत्र से जुड़े लोग इसकी पूजा कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
* इस शंख को शक्ति का प्रतीक भी माना गया है।
 
ये 16 दैवीय शंख, देंगे धन, विजय और समृद्धि, जानिए
 
2. अनंतविजय शंख : 
* युधिष्ठिर के शंख का नाम अनंतविजय था। 
* अनंत विजय अर्थात अंतहीन जीत।
* इस शंख के होने से हर कार्य में विजय मिलती जाती है। * प्रत्येक क्षेत्र में विजय प्राप्त के लिए अनंतविजय नामक शंख मिलना दुर्लभ है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कश्मीर क्षेत्र के ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल