वास्तु शास्त्र और फेंगशुई में बहुत अंतर है। फेंगशुई चीन का वास्तु शास्त्र है। फेंगशुई और भारतीय वास्तुशास्त्र में कुछ अंतर है। अत: फेंगशुई के उपाय आजमाने के पहले किसी वास्तुशास्त्री से सलाह जरूर लें अन्यथा इसके नुकसान भी हो सकते हैं। आओ जानते हैं कि वास्तु और फेंग शुई में क्या है अंतर।
1. फेंगशुई में भवन निर्माण और भवन में रखी जाने वाली पवित्र वस्तुओं के बारे में विस्तार से जानकारी मिलती है, जबकि भारतीय वास्तुशास्त्र में भवन निर्माण का भी महत्व है।
2. फेंग और शुई का शाब्दिक अर्थ है वायु और जल। यह शास्त्र भी पंचतत्वों में पर ही आधारित है, परंतु भारतीय वास्तु शास्त्र में पंचतत्व के अलावा भी कई बातों का महत्व है।
3. फेंगशुई में पीली व लाल मिट्टी भवन निर्माण के लिए उत्तम कही गयी है, जबकि भारतीय वास्तु शास्त्र में श्वेत व पीली मिट्टी भवन निर्माण के लिए उत्तम श्रेणी की मानी गई है।
4. भारतीय वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोईघर आग्नेय कोण में होना चाहिए तथा भारी विद्युत उपकरण आग्नेय कोण में स्थापित होने चाहिए, परन्तु फेंगशुई में ऐसा आवश्यक नहीं है। फेंगशुई में ऐसा निर्देश है कि स्टोर रूम दक्षिण या पूर्व में होना चाहिए।
5. फेंगशुई में लकी या मांगलिक वस्तुएं अलग तरह की होती है जबकि वास्तु शास्त्र में मांगलिक वस्तुओं का ग्रह और देवी एवं देवताओं से संबंध रहता है।