Use colors as per direction: वास्तु शास्त्र में पंच तत्वों को जानकर ही उनकी दिशाएं हैं। इन पंच तत्वों के अनुसार ही दिशाओं के रंगों को नियुक्त किया गया है। यदि आपके घर में किसी भी प्रकार का वास्तु दोष हैं तो उस जगह या दिशा की ओर उक्त दिशा से संबंधित रंग का उपयोग करके वास्तु दोष से बचा जा सकता है।
वास्तु के अनुसार दिशाओं के रंग:-
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उत्तर : हरे एवं उससे संबंधित रंग।
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पूर्व : सफेद, हरा और उससे संबंधित रंग
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दक्षिण : लाल और उससे संबंधित रंग।
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पश्चिम : पीला और उससे संबंधित रंग
किसी भी दिशा में वास्तु दोष है तो उस दिशा की दीवार, परदे और फर्श का रंग बदल दें।
1. उत्तर : उत्तर की दिशा में हरे रंग का उपयोग करते हैं। यहां पीला और लाल रंग का उपयोग नहीं करें।
2. पूर्व : पूर्व की दिशा में ऑफ वाइट या सफेद रंग का उपयोग कर सकते हैं। मिल्की वाइट, पीला, लाल, ग्रे रंग का उपयोग नहीं करें।
3. दक्षिण : दक्षिण दिशा में पीला या ऑफ वाइट रंग का उपयोग कर सकते हैं।
4. पश्चिम : पश्चिम दिशा को नीले रंग का रखना उत्तम माना जाता है। हरा और लाल रंग नहीं कराएं।
5. ईशान कोण : ईशान कोण की दिशा को उत्तर पूर्व कहते हैं इस भाग में पीला रंग या हल्का नारंगी करवाना चाहिए।
6. आग्नेय कोण : बादामी या गुलाबी रंग का उपयोग किया जा सकता है। ऑफ वाइट या ऑरेंज भी कर सकते हैं।
7. नैऋत्य कोण : नैऋत्य अर्थात दक्षिण पश्चिम दिशा के भाग के लिए हरा व ग्रे रंग सुझाया गया है।
8. वायव्य कोण : वायव्य कोण उत्तर पश्चिम दिशा कहलाती है जहां के लिए सफेद व आसमानी रंग वास्तु सम्मत होता है।
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