बिना तोड़फोड़ वास्तु दोष कैसे दूर करें?

WD Feature Desk
शनिवार, 2 दिसंबर 2023 (14:19 IST)
Vastu Dosha : यदि आपके घर में वास्तु दोष है और वह किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ करने के बाद ही ठीक हो सकता है तो हमारी सलाह है कि एक बार ये उपाय आजमा कर देखें और फिर भी कोई असर न हो तो फिर किसी वास्तु शास्त्री से संपर्क करके समस्या का समाधान कर लें। आओ जानते हैं कि हम किस तरह बिना तोड़फोड़ वास्तु दोष दूर कर सकते हैं।
 
दक्षिणमुखी मकान : यदि आपका घर दक्षिणमुखी है तो घर के सामने द्वार से दोगुनी दूरी पर या फिर आग्नेय कोण में नीम का पेड़ लगा सकते है। जिसकी आपको प्रतिदिन देखभाल करना होगी।
 
टॉयलेट का वास्तु दोष : यदि अटैच लेट-बॉथ है, टॉयलेट टूटी फूटी या दरारों वाली हैं या शौचालय गलत दिशा में बन गया है तो एक मोटे कांच के बर्तन में खड़ा नमक रखें और उसे टॉयलेट के एक कोने में रख दें। इसीके सात टॉयलेट के बाहर दरवाजे पर या उसके उपर शिकार करते हुए शेर का चित्र लगा दें। 
 
साफ-सफाई और सुगंध : घर की नियमित अच्छे से साफ-सफाई करके चारों और सुगंधित वातावरण निर्मित करने के लिए सुगंध का उपयोग करें। जहां गंदा होता है वहां राहु सक्रिय रहता है और जहां दुर्गंध रहती है वहां पर शुक्र अस्त हो जाता है। खाकर टॉयलेट और बाथरूप को साफ सुथरा रखकर सुगंधित बनाकर रखें।
 
उत्तर और ईशान में रखें हवा और प्रकाश के रास्ते : यदि आपकी दक्षिण में खिड़की है तो मोटा परदा लगाएं और दरवाजा है तो उसके सामने नीम का पेड़ लगा दें। यदि संभव हो तो उत्तर में उजालदान रखें। यदि उत्तर या ईशान में ही खिड़की दरवाजे हैं तो फिर कुछ भी करने की जरूरत नहीं उसे सुंदर बनाकर रखें।
 
घर को बनाएं सुंदर : घर को सुंदर चित्रों, पर्दों, सुंदर वस्तुओं से सजाएं। जैसे गुलदस्ता, पेंटिंग, फूल, पारंपरिक चित्रकारी, मांडना, झुमर, लटकन आदि वस्तुओं से उसे अच्छे से सजाएं। 
 
दरवाजा बनाएं मजबूत और सुंदर : घर का मुख्‍य द्वार की चौखट और दहलीज को मजबूत लकड़ी का मनाएं और उसे सुंदर भी बनाएं। उसपर वंदनवार लगाएं, शुभ, लाभ और ॐ का चिन्ह भी लगाएं। दहलीज को भी पारंपरिक तरीके से बनाकर उसके दोनों ओर स्वास्तिक लगाएं। आसपास सुंदर फूलों वाले गमले लगाएं और दरवाजे की नियमित सफाई करें।
 
नल से पानी का टपकना : घर में नल से पानी टपकता रहता है तो यह अशुभ माना जाता है। आपके किचन, रसोई घर, दीवार व अन्य किसी भी जगह नल टपकना नकारात्मकता को जन्म देकर आर्थिक नुकसान के साथ ही सेहत संबंधी समस्याएं भी पैदा करता है। दीवारों में कहीं से पानी चू रहा है तो इसे भी ठीक कराएं। नल से पानी का टपकना आर्थिक क्षति का संकेत है। टपकते नल को जल्द से जल्द ठीक करवाएं। घर में किसी भी बर्तन से पानी रिस रहा हो तो उसे भी ठीक करवाएं। छत पर रखी पानी की टंकी से पानी बहता हो तो उसे भी ठीक करवाएं।
 
कमरों का रंग : प्रवेश कक्ष यानी दरवाजे से अंदर आते ही जो कमरा सबसे पहले आता है, वहां सफेद, हल्का हरा, गुलाबी व नीला रंग करवाना शुभ परिणाम देता है। लिविंग रूम/बैठक कक्ष में हमेशा पीला, मटमैला, भूरा, हरा रंग शुभ होता है। भोजन कक्ष में आप हरा, नीला या हल्का गुलाबी, हल्का रंग का प्रयोग कर सकते हैं। ये तीनों रंग इस कमरे के लिए शुभ होते हैं। मुख्य शयन कक्ष में हरा या नीला, गुलाबी, हल्का रंग का प्रयोग किया जाना चाहिए, जो वास्तु के अनुसार इस कमरे के लिए शुभता प्रदान करते हैं। बच्चों का कोई कमरा हो, या फिर जहां पर बच्चों को सुलाया जाता है वहां की दीवारों पर काला, नीला या हरा रंग शुभ होता है। 
 
रसोईघर यानी किचन में हमेशा शांतिदायक सफेद रंग शुभ होता है, जो वहां की ऊर्जा को सकारात्मकता प्रदान करता है। पूजा व आध्यात्म से संबंधित कमरे में सदैव गुलाबी, काला, हरा, लाल रंग करवाया जाना ही शुभ फल प्रदान करता है। स्नान घर/ बाथरूम का अंदरूनी रंग गुलाबी, काला, स्लेटी या सफेद हो तो वह शुभता व सकारात्मकता प्रदान करता है। अध्ययन कक्ष अर्थात् जहां पर पढ़ाई या लिखा-पढ़ी का काम किया जाता हैं, उसमें हरा, लाल, गुलाबी, नीला, हल्का भूरा, हल्का रंग शुभ होता है। 
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