लक्ष्मणा का पौधा मिलना बहुत दुर्लभ है परंतु यदि प्रयास किया जाए तो मिल भी जाता है। यह बेल की तरह होता है और इसके पत्ते पान या पीपल के पत्ते की तरह होते हैं। गांव में इसे गूमा कहते हैं और वैद्यवर्ग इसे लक्ष्मण बूटी कहते हैं। कई विद्वान इसे अपराजिता का पौधा ही मानते हैं। यह पौधा भी कई तरह से लाभदायी होता है। घर में किसी भी बड़े गमले में इसे उगाया जा सकता है। आओ जानते हैं कि इसके 3 फायदे।
1. लक्ष्मणा का पौधा भी श्वेत अपराजिता के पौधे की तरह धनलक्ष्मी को आकर्षित करने में सक्षम है। कहते हैं कि जिस किसी के भी घर में सफेद पलाश और लक्षमणा का पौधा होता है वहां जिंदगीभर किसी भी प्रकार से धन, दौलत आदि की कमी नहीं रहती है।
2. दोनों ही पौधों के आयुर्वेद और तंत्रशास्त्र में कई और भी चमत्कारिक प्रयोग बताए गए हैं। श्वेत लक्ष्मण का पौधा ही तांत्रिक प्रयोग में लाया जाता हैं।
3. आयुर्वेदाचार्यों अनुसार यह फोड़े फुंसी, खांसी, मूत्र रोग, कान में सूजन एवं जलन, जिगर का रोग, जख्म या घाव, हाथीपांव, घेंघा, सफेद दाग, पथरी, सूजाक, त्वचार रोग, सिरदर्द, आधाशीशी, माइग्रेन आदि रोगों के इलाज में लाभदायक होता है।