बैठक रूम के चित्र ऐसे ना रखें वर्ना होगी बर्बादी

अनिरुद्ध जोशी
बैठक रूम को स्वागत कक्ष, ड्राइंग रूम या लिविंग रूम कहते हैं जबकि जहां मेहमान को ठहराया जाता है, उसे अतिथि कक्ष या गेस्ट रूम कहते हैं। हमारे बैठक रूम से ही हमारी पहचान बनती है। बैठक रूम हमारी हैसियत, व्यक्तित्व और विचारों को दर्शाता है। आओ जानते हैं कि इस रूप में किस तरह के चित्र या तस्वीर लगाना चाहिए और किस तरह के नहीं।
 
 
ये चित्र ना लगाएं:
*बैठक रूम में कभी भी नकारात्मक चित्र न लगाएं, जैसे ताजमहल, महाभारत या किसी कांटेदार पौधे का चित्र।
*जंगली वह हिंसक जानवर, रोते हुए बच्चे, नंगे बच्चे, युद्ध के दृश्य, कटे पेड़ या ठूंठ आदि के चित्र भी न लगाएं।
*बैठक रूप में कभी भी रेगिस्तान, बर्फिले क्षेत्र, सूखा या न समझ में आने वाली पेंटिग भी न लगाएं।
*किसी नेता, अभिनेता, अभिनेत्री, कार, बाइक, मॉडल या अपने गुरु का बड़ा-सा चित्र भी न लगाएं।
*बैठक रूप में खुद का बड़ा-सा पोस्टर भी ना लगाएं। लगाना ही हो तो पूरे परिवार के साथ लगाएं।
 
 
ये चित्र लगाएं:
*बैठक रूम में हंस की बड़ी-सी तस्वीर लगाएं जिससे कि अपार धन-समृद्धि की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
*इसके अलावा कहीं किसी कोने में धन के ढेर का एक छोटा-सा चित्र भी लगा सकते हैं।
*गृह कलह या वैचारिक मतभेद से बचने के लिए हंसते-मुस्कुराते संयुक्त परिवार का चित्र लगाएं।
*खुद के ही परिवार के सदस्यों का प्रसन्नचित मुद्रा में दक्षिण-पश्चिम दिशा के कोने में एक तस्वीर लगाएं।
*समुद्र किनारे दौड़ते हुए 7 घोड़ों की तस्वीर लगाने के लिए पूर्व दिशा को शुभ माना गया है। यह तस्वीर किसी वस्तुशास्त्री से पूछकर ही लगाएं।
*घोड़ों की तस्वीर न लगाना चाहें तो आप तैरती हुए मछलियों के चित्र भी लगा सकते हैं।
*बैठक रूम में घर के मुखिया की सीट के पीछे हरेभरे सुंदर पहाड़ या उड़ते हुए पक्षी का चित्र लगा सकते। ऐसी तस्वीरों से अत्मविश्वास और मनोबल बढ़ता है।
* पूर्वी दीवार को उगते हुए सूरज, फलों और फूलों की कुछ चित्रों द्वारा सजाया जा सकता है। यदि देवताओं के चित्र लगाना ही चाहते हैं तो पूर्वोत्तर दिशा सर्वोत्तम है।
 
 
अत: यह ध्यान देना जरूरी है कि हम बैठक रूप में किसी तरह के चित्र लगा रहे हैं। यदि आप नकारात्मक चित्र लगाएंगे तो मन और मस्तिष्क में भी नकारात्मकता फैल जाएगी जो कि जिंदगी को बर्बादी के रास्ते पर भी ले जा सकती है। अभिनेता या नेता के चित्र लगाएंगे तो आपके बच्चे या खुद आप प्रतिदिन उनके ही चेहरे देखते रहेंगे और इससे जीवन में उन लोगों का आपके जीवन पर प्रभाव रहेगा। आपकी पढ़ियां भी उन्हीं से प्रेरित होती रहेगी। घर में आने वाले अतिथियों पर इसका गलत असर पड़ेगा। और भी कई बातें हैं जो सोची जा सकती है क्योंकि मन से ही भविष्‍य का निर्माण होता है।
 

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