रजनीगंधा की तीन किस्में होती है। इसका सुगंधित तेल और इत्र भी बनता है। इसके कई औषधीय गुण भी है। ज्योतिष एवं वास्तु के अनुसार इसके पौधे को घर-आंगन में लगाने से वास्तु दोष दूर होता है और घर में खुशियों के माहौल के साथ ही यश, धन और समृद्धि बनी रहती है।
रजनीगंधा : रजनीगंधा को ट्यूबरोज (Tuberose) कहा जाता है। यह पौधा पूरे भारत में पाया जाता है। मैदानी क्षेत्रों में अप्रैल से सितम्बर तथा पहाड़ी क्षेत्रों में जून से सितम्बर माह में फूल निकलते हैं। रजनीगंधा की तीन किस्में होती है।
घर में किस दिशा में लगाएं : रजनीगंधा को घर में पूर्व दिशा या उत्तर दिशा में उचित स्थान पर रखना चाहिए।
रजनीगंधा का उपयोग : रजनीगंधा के फूलों का उपयोग माला और गुलदस्ते बनाने में किया जाता है। इसकी लम्बी डंडियों को सजावट के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इसका सुगंधित तेल और इत्र भी बनता है। इसके कई औषधीय गुण भी है। इसके फूल प्रेम का प्रतीक हैं। घर में इसे रखने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। ज्योतिष एवं वास्तु के अनुसार इसके पौधे को घर-आंगन में लगाने से वास्तु दोष दूर होता है और घर में खुशियों के माहौल के साथ ही यश, धन और समृद्धि बनी रहती है।