किस दिशा में करें पूजा स्थल का निर्माण, जानिए 7 खास बातें

Webdunia
puja sthal
 
वास्तु के अनुसार ईशान में पूजा स्थल, पूर्व व आग्नेय में रसोई घर, पश्चिम में भोजन कक्ष, वायव्य में भंडार गृह अथवा स्टोर, दक्षिण और नैऋत्य के मध्य शौचालय, नैऋत्य में विश्राम गृह, दक्षिण में शयन-कक्ष, पूर्व एवं ईशान के मध्य स्वागत एवं सार्वजनिक कक्षों का निर्माण करना चाहिए।
 
कहां करें पूजा स्थल का निर्माण- घर में सुख-समृद्धि व शांति के लिए पूजा स्थल का निर्माण किया जाता है। पूजा स्थल किसी भी व्यक्ति के मन, आत्मा व संस्कार का परिमार्जन करते हैं, विचारों को शुद्ध करते हैं तथा आत्मा को दिव्य प्रकाश से ओत-प्रोत करते हैं। कहां, किस दिशा में हो आपका पूजा स्थल?
 
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजन-भजन-कीर्तन सदैव ईशान कोण में होना चाहिए। 
 
जब आप पूजा करने जा रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आपका मुंह पूर्व दिशा में हो। देवी-देवता की मूर्ति का मुंह पूर्व, पश्चिम व दक्षिण की ओर हो। 
 
विद्यार्थियों को हमेशा पूजा गृह में उत्तर-दिशा में बैठकर उत्तर की ओर मुंह करके पूजा करनी चाहिए, जबकि घर के दूसरे सदस्यों को पूर्व दिशा में पूर्व की ओर मुंह करके पूजा करनी चाहिए। 
 
यहां यह भी बता दें कि विद्यार्थी प्रायः ज्ञान-अर्जन के लिए तथा गृह स्वामी धन-अर्जन की लिप्सा से पूजा करते हैं, उनके लिए उपरोक्त स्थिति निर्धारित की गई है।
 
जब भी आपका इरादा भवन निर्माण का हो, तो यह शुभ कार्य करने से पहले वास्तु शास्त्र के अनुसार, उसके सभी पहलुओं पर विचार करना उत्तम होता है। जैसे शिलान्यास के लिए मुहूर्त काल, स्थिति, लग्न, कोण आदि। उसके बाद मकान में निर्मित किए जाने वाले कक्षों की माप, आंगन, रसोई घर, बैडरूम, कॉमन रूम, गुसलखाना, बालकनी आदि की स्थिति पर वास्तु के अनुरूप विचार करके ही भवन निर्माण करना चाहिए।
 
वास्तु शास्त्र के अनुसार भवन में सबसे पहले दीवारों की ओर ध्यान देना चाहिए। दीवारें सीधी और एक आकृति वाली होनी चाहिए। कहीं से मोटी और कहीं से पतली दीवार होने पर अशुभ हो सकता है। ये तो रही आवासीय घरों की बात। अब यह भी जान लेना आवश्यक है कि अगर भवन का निर्माण फैक्ट्री, मिल या उद्योग के लिए किया गया हो, तो वहां भी वास्तु के हिसाब से पूजा घर ईशान कोण में ही स्थापित करना चाहिए। 

ALSO READ: mitti ka matka : मिट्टी के घड़े (मटके) से जुड़ी है आपकी खुशियां, जानिए 7 काम की बातें

सम्बंधित जानकारी

Show comments

क्या मुगलों का संपूर्ण भारत पर राज था और क्या अंग्रेजों ने मुगलों से सत्ता छीनी थी?

Parshuram jayanti 2024 : भगवान परशुराम जयंती पर कैसे करें उनकी पूजा?

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेंगे धनलाभ के अवसर, जानें 07 मई का राशिफल

07 मई 2024 : आपका जन्मदिन

07 मई 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

ChaturSagar Yog : चतुरसागर योग क्या होता है, जातक बन सकता है विश्व प्रसिद्ध

Akshaya-tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन क्या करते हैं?

अगला लेख