Vastu Tips for Balcony : आपके फ्लैट या मकान की बालकनी को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि वहां से हवा और प्रकाश आता रहता है। यदि बालकनी का वास्तु सही नहीं होगा तो जहां से हवा और प्रकाश आ रहे हैं वहीं से रोग और शोक भी आ सकते हैं। अत: बालकनी का वास्तु सही नहीं है तो उसे ठीक करा लें या वास्तु टिप्स के अनुसार वास्तुदोष दूर कर सकते हैं।
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बालकनी की दिशा : बालकनी यदि वायव्य, उत्तर, ईशान या पूर्व की दिशा में है तो उत्तम है। इस दिशा को छोड़कर कहीं है तो उसमें वास्तु दोष निर्मित हो सकता हैं। यदि घर पश्चिममुखी है तो ऐसे में उत्तर या पश्चिम की दिशा में बालकनी होनी चाहिए। उत्तरमुखी है तो बालकनी पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। वहीं दक्षिणमुखी घर है तो बालकनी पूर्व या दक्षिण की ओर होनी चाहिए। उत्तर दिशा में बालकनी होने घर में धन और समृद्धि के द्वारा खुल जाते हैं।
दक्षिण दिशा में होने से रोग और शोक की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि यह यम की दिशा होती है। पूर्व और उत्तर की दिशाओं में सुबह और दोपहर की धूप आती है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। दक्षिण या पश्चिम की बालकनी बनाना अशुभ माना जाता है। घर की दक्षिण दिशा और नैऋत्य दिशा शुभ नहीं होती। यहां बालकनी है तो उस आगे तक मोटा शेड लगा दें या और पेड़ पौधे ज्यादा रखें।
अखंडित बालकनी : बालकनी अखंडित होना चाहिए यानी उसकी रैलिंग या वॉल टूटी-फूटी नहीं होना चाहिए। बालकनी टूटी हुई, गंदी या आड़ी-तिरझी बनी हुई नहीं होना चाहिए। अन्यथा वास्तु दोष निर्मित होगा। बालकनी का फर्श, पूरे घर के फर्श से थोड़ा नीचे होना चाहिए।
बालकनी की सुंदरता : गर्मियों के मौसम में ठंडी हवा के मजे और सर्दियों की धूप सेंकने के लिए घर में एक अच्छी-सी बालकनी से ज्यादा बेहतरीन जगह तो कोई और हो ही नहीं सकती। इसलिए उससे सुंदर और अट्रेक्टिव बनाएं। बालकनी की दीवारों पर हल्का नीला, हल्का हरा या हल्का पीला रंग करवाएं। हालांकि सफेद रंग सबसे उत्तम है। यदि आपकी बालकनी बड़ी है तो वहां पर एक छोटा सा फव्वारा भी लगा सकते हैं। बालकनी में हल्की सफेद रोशनी का उपयोग करें।
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बालकनी का आकार : बालकनी का आकार वर्गाकार या आयताकार हो तो अच्छा होता है। बहुभुज या गोलाकार आकृतियों में वास्तु दोष निर्मित हो सकता है। बालकनी के किनारे 90 डिग्री के कोण पर होने चाहिए। बालकनी की छत तिरछी झोपड़ीनुमा होनी चाहिए जो उत्तर या पूर्व की ओर ढलान वाली हो।
बालकनी के पौधे : बालकनी का वस्तुदोष दूर करने के लिए और ताजगी बनी रहे, इसके लिए पेड़-पौधे भी लगाए जा सकते हैं। वॉल प्लांट से आप अपनी बालकनी की शोभा बढ़ा सकते हैं। बालकनी में तुलसी, मनी प्लांट, लिली, जेड प्लांट, सदाबहार, ब्रह्म कमल आदि सकारात्मक उर्जा वाले पौधे लगाएं जो कि आपके मन को भी सुंदर लगे और घर को भी सुंदर बनाए। अगर बालकनी में जगह कम है, तो गमले में फूल लगाएं। इससे फूलों को रखने में जगह भी कम लगेगी। दूसरा, इससे वहां हरियाली और अच्छी हवा भी आएगी। रंग-बिरंगे फूलों से अपनी बालकनी को डेकोरेट करें। यह देखने में बहुत ही खूबसूरत लगती है। बहुत बड़े गमले या पेड़ भी बालकनी में नहीं लगाने चाहिए। दक्षिण दिशा में बनी बालकनी में बड़े और भारी पौधे रखने चाहिए।
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बालकनी में फर्नीचर : बालकनी में छोटे और सुंदर फर्नीचर रखें। फर्नीचर की आकृति गोल होना चाहिए। इसी के साथ ही आरामदायक और टिकाऊ फर्नीचर का चयन करें। फर्नीचर का चयन बालकनी की दीवारों के रंग और बालकनी के आकार को देखकर ही करें। बालकनी में बैठने के लिए पश्चिम की दिशा में छोटा सा लकड़ी का सुदंर फर्नीचर हो। फर्नीचर ज्यादा बड़ा न हो। आप चाहें तो उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर मुख करके झूला भी लगवा सकते हैं। बालकनी में घर का कबाड़ न रखें और न ही वहां पर कोई फालतू का सामान। जैसे भारी-भरकम फर्नीचर, पूराने न्यूज पेपर, बेकार के सामाना आदि न रखें।