दरवाजे हमारे घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। घर के मुख्य दरवाजे का वास्तु के अनुसार होना बहुत जरूरी है। क्या आप जानते हैं दरवाजे किस्मत चमका भी सकते और बिगाड़ भी सकते हैं। यदि आपके घर का मुख्य द्वारा या डोर के बाद भीतर का द्वार भी उसी के ठीक सामने हैं या एक ही सीध में तीन दरवाजे हैं या द्वारा के भीतर द्वार है तो आप सावधान हो जाएं।
एक ही सीध में हैं या द्वार दरवाजे के भीतर दरवाजा :
नुकसान : यदि आपके मुख्य द्वारा के बाद भीतर के द्वार भी एक ही सीध में हैं तो यह भी वास्तुदोष निर्मित करता है। इससे धन हानि और इससे सकारात्मक उर्जा शीघ्र ही आपके भवन से बाहर से निकल जाती है। बच्चों की पढ़ाई में भी अड़चने आती है। जिस घर का मुख्य दरवाजा छोटा और उसके पीछे का दरवाजा बड़ा होता है तो यह भी वास्तुदोषी माना जाएगा। इससे घर में आर्थिक परेशानियां रहती हैं।
उपाय : इसके लिए घर में बीच वाले द्वार के मध्य मोटा परदा लगाएं या विंड चाइम लगाएं। यदि आपके मुख्य द्वार के बाद का हाल या कमरा बड़ा है आप ऐसा भी कर सकते कि दूसरे दरवाजे के ठीक सामने कुछ दूरी पर प्लायवुड का एक द्वार बराबर का पाट लगाएं और उसपर कोई अच्छी सी पेंटिंग लगा दें।
भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का मुख्यद्वार घर के अन्य सभी दरवाजों से बड़ा होना चाहिए और घर के तीन द्वार एक सीध में नहीं रखने चाहिए। दरवाजे के भीतर दरवाजा नहीं बनाना चाहिए। घर के ऊपरी माले के दरवाजे निचले माले के दरवाजों से कुछ छोटे होने चाहिए।