Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ ऐसी दिशाएं होती हैं जिनमें यदि वास्तुदोष हैं तो घर परिवार में दरिद्रता का योग बनता है। ऐसे में उस दिशा का वास्तु दोष दूर करने की आवश्यकता होती है। दिशा का दोष दूर कर लिया जाए तो धन समृद्धि के साथ ही सुख शांति भी बढ़ती है। आओ जानते हैं कि किस वास्तु दोष से बढ़ती है गरीबी।
किचन : किचन यानी रसोईघर एक ऐसी जगह है जहां पर मां अन्नपूर्णा के साथ माता लक्ष्मी का भी वास होता है। किचन की सही दिशा आग्नेय कोण होती है। यानी पूर्व और दक्षिण के बीच में वह भी दक्षिण वाले हिस्से में। यहां पर है तो पीले रंग का उपयोग करें और प्लेटफार्म यानी किचन स्टैंड भी पीले रंग का रखें। यदि यह किचन दक्षिण, नैऋत्य या पश्चिम में है तो किचन का रंग ऑफ व्हाइट रखें और किचन स्टैंड पीले रंग का रखें। यदि किचन ईशान या पूर्व दिशा में है तो किचन का स्टैंड हरे रंग का रखें।
टॉयलेट, सेप्टिक टैंक या पूजा घर : यदि आग्नेय, दक्षिण और नैऋत्य दिशा में टॉयलेट, सेप्टिक टैंक या पूजा घर है तो यह गंभीर वास्तु दोष का कारण बनेगा और धन संपत्ति का नुकसान होकर दरिद्रता के योग बनते हैं। इसी के साथ जातक कर्ज में डूब जाता है। यह गृह कलह का कारण भी बनता है। पूजा घर को इस दिशा से हटाकर ईशान में रखें। टॉयलेट या सेप्टिटैंक हैं तो इसे यहां से हटाना ही उचित होगा।
धन का स्थान : नैऋत्य, दक्षिण दिशा, आग्नेय कोण, वायव्य कोण में धन रखा हो तो खर्च जितनी आमदनी जुटा पाना मुश्किल होता है। ऐसे व्यक्ति का बजट हमेशा गड़बड़ाया हुआ रहता है और वह कर्जदारों द्वारा सताया जाता है। धन को हमेशा ईशान या उत्तर दिशा में रखें।
अन्य नियम : यदि घर गंदा है, घर बिखरा हुआ है, रंग-रोगन नहीं है, रंग है तो काले, कत्थई, मटमैले, जामुनी और बैंगनी, लाल, नीले रंग का उपयोग ज्यादा है। सीढ़ियां खराब है। टॉयलेट और वॉशरूम गंदा रहता है। घर के नल से पानी टपकता रहता, अटाला जमा हो गया है। तिजोरी टूटी फूटी, गंदी है। घर के अंदर, बाहर या आसपास नकारात्मक ऊर्जा फैलाने वाले पेड़ लगे हैं तो यह भी दरिद्रता योग का निर्माण करता है। इसी के साथ ही भोजन की थाली में हाथ धोना, थाली को पाट पर नहीं रखना, रात्रि में भोजन के जूठे बर्तन छोड़ देना यह भी दरिद्रता का कारण बनता है।