जानिए कौन-सी दिशा किसके लिए है शुभ

वास्तु के सिद्धांत आयु एवं समृद्धि के लिए शुभ फलदायी

Webdunia
- आचार्य डॉ. संजय

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संपूर्ण धरती पर वास्तु के सिद्धांत काम करते हैं। इसकी वजह है कि प्रत्येक दिशा अथवा पदार्थ किसी न किसी ग्रह द्वारा प्रभावित होते हैं।

इसी कारण किसी भी व्यवसाय या कार्य को यदि दिशाओं एवं ग्रहों के अनुकूल संबंध रहने पर ही लाभ होता है।

तो आइए जानते हैं कि कौन-सी दिशा किस के लिए है शुभ-

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पूर्व दिशा : ग्रहों में सूर्य पूर्व दिशा का स्वामी होता है। दवा, औषधि संबंधी व्यवसाय अथवा पेशे के लिए पूर्व की दिशा सबसे उपयुक्त है। यदि दवाई की दुकान है तो सामग्री उत्तर एवं पूर्व के रैक पर रखें। इसका कारण है कि उत्तर-पूर्व के निकट सूर्य की जीवनदायिनी किरणें सर्वप्रथम पड़ती हैं, जो कि दवाइयों को ऊर्जापूर्ण बनाए रखती है जिसके सेवन से मनुष्य शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है।

आयुर्वेदिक एवं यूनानी दवा का संबंध सूर्य ग्रह से है अतः इसे पूर्व दिशा की रैक पर रखना लाभप्रद होता है।

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उत्तर-पूर्व के भूखंड पर ऊनी वस्त्र, अनाज की आढ़त, आटा पीसने की चक्की तथा आटा मिलों का कार्य काफी लाभप्रद होता है।

उत्तर-पूर्व दिशा : उत्तर-पूर्व दिशा का ग्रह स्वामी गुरु है, जो कि आध्यात्मिक एवं सात्विक विचारों के प्रणेता हैं। उत्तर-पूर्व दिशा अभिमुख भूखंड शिक्षक, प्राध्यापक, धर्मोपदेशक, पुजारी, धर्मप्रमुख, प्राच्य एवं गुप्त विद्याओं के जानकार, न्यायाधीश, वकील, शासन से संबंधित कार्य करने वाले, बैंकिंग व्यवस्था से संबंधित कार्य, धार्मिक संस्थान, ज्योतिष से संबंधित कार्यों के लिए लाभप्रद होता है।

छपाई के कार्य के लिए यह दिशा विशेष लाभकारी होती है। बिजली उपकरणों की दुकान/ कारखाना लगाना भी लाभप्रद होता है।

ध्यान रहे कि किसी भी भवन में कृत्रिम जलाशय एवं फव्वारों को व्यवस्थित तरह से लगाना चाहिए। जल को धन-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। धनागमन के प्रतीक फव्वारों एवं जलाशयों को ठीक तरह से लगाना चाहिए, क्योंकि यदि पानी का निकास गलत ढंग से हो तो धन-संपत्ति चली जाती है।

किसी भी भवन की दक्षिण-पश्चिम दिशा में भारी पत्थर एवं मूर्तियां लगाने से पति-पत्नी के अलगाव, निरंतर यात्राओं एवं अस्थायित्व का दोष स्वतः ही समाप्त हो जाता है।

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कहां रखें घर में कछुए की मूर्ति : जीवित कछुआ पालने या कछुए की मूर्ति या फोटो अपने घर की उत्तर दिशा में रखने या लगाने से जीवन में सुख-समृद्धि को बढ़ावा मिलता है।

कछुए का मुंह पूर्व की तरफ रखना चाहिए। यह आयु को बढ़ाता है। घर की उत्तर दिशा में किसी तालाब या पानी के टब में कछुए का होना पूरे घर वाले की समृद्धि एवं आयु के लिए शुभ फलदायी होता है।

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