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वट सावित्री व्रत और ज्येष्ठ अमावस्या के कुछ खास उपाय दे‍ते हैं व्यक्ति को ये 6 फायदे

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हमें फॉलो करें Jyeshtha amavasya spiritual benefits

WD Feature Desk

, सोमवार, 26 मई 2025 (09:54 IST)
Jyeshtha amavasya spiritual benefits: अमावस्या तिथि के धार्मिक महत्व के अनुसार यह दिन पितृ तर्पण, दान-पुण्य के कार्य तथा वट पूजन के लिए अतिमहत्वपूर्ण है। इस दिन पितरों का तर्पण करने मात्र से से पितृदेव की आत्मा को शांति मिलती है और पितृ दोष का निवारण होता है। इस दिन वट सावित्री अमावस्या व्रत भी किया जाता है। अत: इस दिन किए गए धार्मिक कार्य से जातक को फायदा मिलता है तथा जीवन खुशहाल होता है।ALSO READ: ज्येष्ठ मास की अमावस्या और पूर्णिका के दिन इन 3 पेड़-पौधों की पूजा करने से मिलेगा मनचाहा वरदान
 
यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं के लिए है, जो अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख के लिए किया जाता है। इस दिन महिलाएं वट वृक्ष (बरगद के पेड़) की पूजा करती हैं और उसके चारों ओर कच्चा सूत लपेटती हैं। यह व्रत देवी सावित्री की कथा पर आधारित है, जिन्होंने अपने पति सत्यवान को यमराज से वापस प्राप्त किया था।
 
आइए यहां जानते हैं इस तिथि से मिलने वाले लाभ के बारे में...

1. ज्येष्ठ अमावस्या के दिन विवाहित महिलाएं अपने सौभाग्य और पति की लंबी उम्र  के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत से अखंड सुहाग का वरदान प्राप्त होता है।
 
2. पितृ दोष से मुक्ति मिलती है, जिससे परिवार में सुख-शांति आती है, वंश वृद्धि होती है और आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं। पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
 
3. पीपल के पेड़ में त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का वास माना जाता है। इस उपाय से शनिदेव के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है, दुर्भाग्य दूर होता है और सुख-समृद्धि आती है। यह शनि के प्रकोप को शांत करने का एक प्रभावी तरीका है।
 
4. इस तिथि पर दान करने से शिव और शनिदेव प्रसन्न होते हैं और आपकी कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत होती है। यह कर्मों के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है, खासकर आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
 
5. इस दिन शिव जी तथा शनिदेव के मंत्र जाप और पाठ से मन को शांति मिलती है, मानसिक तनाव कम होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यह शनि के अशुभ प्रभावों को कम करने और हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है।
 
6. यदि मंगलवार के दिन शनि जयंती और अमावस्या का योग बनता है तो मंगलवार और शनि अमावस्या का यह संयोग अत्यंत दुर्लभ माना गया है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और उनके अशुभ प्रभाव कम होते हैं। यह उपाय शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और मंगल दोष से मुक्ति दिलाकर जीवन में आने वाली सभी बाधाओं और कष्टों को दूर करता है। साथ ही हनुमान जी आपको शक्ति और साहस प्रदान करते हैं।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: वट सावित्री व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
 

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