Biodata Maker

वट सावित्री व्रत 2025 के नियम, जानिए क्या करें और क्या नहीं

WD Feature Desk
मंगलवार, 20 मई 2025 (16:39 IST)
vat savitri vrat niyam: भारत एक ऐसा देश है जहां हर पर्व अपने साथ केवल धार्मिक भावनाएं नहीं, बल्कि जीवन को संयम, अनुशासन और सकारात्मक ऊर्जा से भरने के संदेश भी लेकर आता है। ऐसा ही एक विशेष पर्व है वट सावित्री व्रत, जिसे विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय दांपत्य जीवन के लिए मनाती हैं। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और वट यानी बरगद के वृक्ष की पूजा करती हैं।
 
परंपरा के साथ-साथ इस पर्व को सही रीति-रिवाजों और नियमों के अनुसार करना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि छोटी सी लापरवाही से पूजा का फल प्रभावित हो सकता है। आज के समय में जब महिलाएं व्यस्त जीवनशैली में पर्वों को मनाने का प्रयास करती हैं, तब यह जानना बेहद जरूरी है कि वट सावित्री व्रत के दौरान क्या करें और क्या न करें।
 
वट सावित्री व्रत के नियम: क्या करें (Vat Savitri Vrat Dos)
1. सच्ची श्रद्धा और मन से करें व्रत
व्रत केवल शरीर से नहीं, बल्कि मन और आत्मा से भी किया जाता है। इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर, स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें और पूरे मन से व्रत का संकल्प लें। मानसिक रूप से सकारात्मक रहें और पूजा में पूरी निष्ठा दिखाएं।
 
2. वट वृक्ष की पूजा अवश्य करें
इस व्रत की पूजा का प्रमुख केंद्र बरगद का पेड़ होता है। वट वृक्ष की जड़ को जल चढ़ाएं, उसके चारों ओर कच्चा सूत या धागा लपेटें और 7 या 108 बार परिक्रमा करें। पेड़ को जल, रोली, चावल, फल, फूल और सिंदूर अर्पित करें।
 
3. सावित्री-सत्यवान की कथा अवश्य सुनें या पढ़ें
पूजा के दौरान सावित्री और सत्यवान की पौराणिक कथा का श्रवण अत्यंत फलदायी माना जाता है। इससे न केवल पूजा पूर्ण होती है, बल्कि मन को एक प्रेरणादायक कहानी भी मिलती है।
 
4. ध्यान और प्रार्थना करें
पूजा के बाद कुछ समय ध्यान या चुपचाप प्रार्थना में बिताएं। यह मानसिक शांति देता है और व्रत की शक्ति को और बढ़ाता है।
 
5. दान और सेवा का भाव रखें
व्रत का एक बड़ा उद्देश्य आत्मिक शुद्धि और सेवा का भाव होता है। इस दिन गरीबों को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा देना शुभ माना जाता है। इससे व्रत का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।
 
वट सावित्री व्रत में क्या न करें (Vat Savitri Vrat Don'ts)
1. व्रत के दिन क्रोध या कटु वाणी से बचें
इस दिन मन को शुद्ध रखना जरूरी है। क्रोध, कलह, गाली-गलौच या नकारात्मक सोच व्रत के प्रभाव को कम कर सकती है। कोशिश करें कि दिन भर संयमित और सौम्य व्यवहार रखें।
 
2. नाखून काटना, बाल धोना या बाल कटवाना वर्जित है
व्रत के दिन पारंपरिक नियमों के अनुसार शरीर सौंदर्य के कार्य जैसे बाल काटना, नाखून काटना, बालों में साबुन लगाना आदि वर्जित माने जाते हैं।
 
3. वट वृक्ष को हानि न पहुंचाएं
कुछ लोग अज्ञानता में वट वृक्ष की शाखा तोड़ लेते हैं या उसकी जड़ पर पैर रख देते हैं। यह पूजा की दृष्टि से अशुभ माना जाता है। पेड़ की रक्षा करें, उसे नुकसान न पहुंचाएं।
 
4. व्रत तोड़ने से बचें
वट सावित्री व्रत निर्जला या फलाहारी व्रत के रूप में किया जाता है। कोशिश करें कि दिन भर व्रत का पालन करें और नियम तोड़ने से बचें। यदि स्वास्थ्य कारणों से कुछ खाना हो, तो फलाहार या सादा भोजन करें। 


अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।  

ALSO READ: वट सावित्री पूजा का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dev uthani ekadashi deep daan: देव उठनी एकादशी पर कितने दीये जलाएं

यदि आपका घर या दुकान है दक्षिण दिशा में तो करें ये 5 अचूक उपाय, दोष होगा दूर

Dev Uthani Ekadashi 2025: देव उठनी एकादशी की पूजा और तुलसी विवाह की संपूर्ण विधि

काशी के मणिकर्णिका घाट पर चिता की राख पर '94' लिखने का रहस्य: आस्था या अंधविश्‍वास?

Vishnu Trirat Vrat: विष्णु त्रिरात्री व्रत क्या होता है, इस दिन किस देवता का पूजन किया जाता है?

सभी देखें

धर्म संसार

06 November Birthday: आपको 6 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 06 नवंबर, 2025: गुरुवार का पंचांग और शुभ समय

वक्री बृहस्पति: 11 नवंबर से अगले 25 दिन इन 5 राशियों के लिए बेहद कठिन रहेंगे

Kaal Bhairav Puja 2025: काल भैरव अष्टमी पर करें इस तरह भगवान की पूजा, सभी संकट होंगे दूर

Kaal Bhairav Jayanti 2025: अष्ट भैरव में से काल भैरव के इस मंत्र से मिलेगा उनका आशीर्वाद

अगला लेख