विपक्ष अकसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना जर्मनी के तानाशाह हिटलर से करता रहा है। यह साबित करने के लिए अब कांग्रेस पार्टी की आईटी सेल की अध्यक्ष दिव्या स्पंदना ने एक तस्वीर ट्वीट की है। तस्वीर में एक तरफ हिटलर एक बच्ची के कान खींचता दिख रहा है, तो दूसरी तरफ मोदी एक बच्चे का कान खींच रहे हैं। दिव्या ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- आपके क्या विचार हैं? दिव्या का मकसद साफ है, वह बताना चाहती थीं कि जिस तरह हिटलर एक तानाशाह था और वो बच्चों के कान खींचता था, पीएम मोदी भी ठीक वैसे ही हैं।
सच क्या है?
हमने पड़ताल शुरू की तो पता चला कि यह तस्वीर पिछले साल भी वायरल हुई थी। गुजरात के पूर्व पुलिस अधिकारी संजीव भट्ट ने भी अपने ट्विटर अकाउंट पर इसे पोस्ट किया है। जबकि उसी वक्त इसे फर्जी बताया जा चुका था। लेकिन फिर भी दिव्या स्पंदना इस फर्जी तस्वीर के झांसे में आ गई।
चलिए, अब आपको बताते हैं इस तस्वीर की सच्चाई। पीएम मोदी की बच्चे के कान खींचने वाली तस्वीर तो सही है, लेकिन हिटलर की तस्वीर फेक है। सच यह है कि हिटलर बच्ची के कंधे पर हाथ रखे हुए है।
अब, अगर आप मोदी और हिटलर की तस्वीर को गौर से देखेंगे, तो पूरा खेल समझ आ जाएगा। पीएम मोदी के बाएं हाथ को फोटोशॉप की मदद से हिटलर का दाहिना हाथ बना दिया गया और मोदी के दाहिने हाथ को हिटलर का बायां हाथ।
आपको बता दें कि ‘द सन’ वेबसाइट ने हिटलर की असली तस्वीर को पब्लिश करते हुए एक आर्टिकल लिखा था। यह तस्वीर नाजी प्रोपेगेंडा की तस्वीर है। जब जर्मनी में हिटलर के खिलाफ आवाज उठने लगी थी, तो हिटलर ने बच्चों के साथ तस्वीरें खिंचवाकर ये दिखाने की कोशिश की थी कि हिटलर ही जर्मनी के बच्चों और युवाओं के भविष्य को संवार सकता है।
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर 2014 की है, जब वह जापान गए थे।
मोदी अक्सर बच्चों के साथ ऐसी तस्वीरें खिंचवाते रहते हैं। देखिए कुछ और तस्वीरें-