सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड अयोध्या में मिली 5 एकड़ जमीन पर ‘बाबरी अस्पताल’ बनाने जा रहा है। कहा जा रहा है कि डॉ. कफील खान को इस अस्पताल का प्रशासक बनाया जाएगा। इस दावे के साथ दो तस्वीरें भी शेयर कर रहे हैं। एक तस्वीर में एक बिल्डिंग पर ‘बाबरी अस्पताल’ लिखा नजर आ रहा है और दूसरी तस्वीर में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं सोशल एक्टिविस्ट गौहर रजा कुछ वकीलों के साथ खड़े दिख रहे हैं।
क्या है वायरल-
अदील खान नामक ट्विटर यूजर लिखते हैं- ‘सुप्रीम कोर्ट ने जो पांच एकड़ जमीन दी थी, सुन्नी वक्फ़ बोर्ड ने लिया फैसला उस पर बनेगा बाबरी हास्पिटल जो AIIMS के बराबर मुफ्त सुविधा देगा। इस अस्पताल में एक पूरा फ्लोर बच्चों के लिए आरक्षित होगा, जिसमें चमकी बुखार(Viral Megningits) सहित कई बिमारियों का ईलाज होगा।’
वहीं, लक्ष्मी सिंह नाम की ट्विटर यूजर ने यह भी दावा किया कि डाक्टर कफील खान को इस बाबरी अस्पताल का प्रशासक बनाया जा सकता है।
क्या है सच-
पड़ताल शुरू करने पर हमें ‘उत्तरप्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड’ का एक प्रेस रिलीज मिला, जिसमें लिखा गया है कि 5 एकड़ की जमीन पर बन रहे अस्पताल का नाम ‘बाबरी अस्पताल’ नहीं होगा। साथ ही, इस अस्पताल का प्रशासक डॉ. कफील को बनाए जाने के दावे को भी बोर्ड ने फेक बताया।
वायरल तस्वीर में जिसे बाबरी अस्पताल का ब्लू प्रिंट बताया जा रहा है, वह असल में अमेरिका के वर्जिनिया स्टेट के यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जिनिया मेडिकल सेंटर का डिजाइन है। इसे आर्किटेक्चरल डिजाइन बनाने वाली कंपनी
स्मिथ ग्रुप ने तैयार किया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरप्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने 5 एकड़ भूमि पर मस्जिद बनाने के लिए एक ट्रस्ट का गठन किया है। इस ट्रस्ट ने जमीन पर अपना ऑफिस बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस ऑफिस का नाम होगा ‘इंडिया इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’। इस जमीन पर मस्जिद के साथ, लाइब्रेरी और अस्पताल भी बनाया जाएगा।
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया कि अयोध्या में मुस्लिम पक्ष को मिली 5 एकड़ जमीन पर अस्पताल बनाए जाने की खबर सही है। लेकिन, इसका नाम ‘बाबरी अस्पताल’ नहीं होगा।