‘भोपाल सीएम निवास के बहार नौकरी के लिये धरना दे रहे बेरोज़गार युवकों को पुलिस ने हाथों हाथ कलेक्टर की पोस्ट के लिये अपॉइंटमेंट लैटर दे दिया’- इस कैप्शन के साथ एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास स्थान के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार युवकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया गया।
सच क्या है?
हमने गूगल क्रोम एक्सटेंशन InVid के जरिये वीडियो के कीफ्रेम्स निकाले और उनको रिवर्स इमेज सर्च में ढूंढा, तो हमें 14 जून, 2018 को
यूट्यूब पर अपलोड किए गए एक वीडियो की लिंक मिली, जिसका कैप्शन था- ‘
Singham Style में आई Aligarh Police तो जरा देर में भाग गए नेता।’ यह वही वीडियो था, जो अब वायरल हो रही है।
जांच जारी रखते हुए हमने ‘aligarh police, lathicharge’ कीवर्ड्स के साथ सर्च किया, तो हमें कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं। इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने एक आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अलीगढ़ के SSP के कार्यालय के सामने 12 जून 2018 को विरोध प्रदर्शन किया था।
प्रदर्शनकारी ऑफिस के मुख्यगेट को बंद कर नारेबाजी कर रहे थे जिससे सरकारी कामकाज में परेशानी हो रही थी। जब पुलिस के समझाने पर कार्यकर्ता नहीं माने तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया।
बता दें कि यह वीडियो इसी साल मार्च में भी वायरल हुआ था, और दावा किया जा रहा था कि पुलिस मस्जिद में नमाज पढ़ते हुए लोगों को मार रही है।
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया कि वायरल वीडियो मध्यप्रदेश का नहीं, बल्कि साल भर पुराना, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का है।