10 नवंबर को कर्नाटक सरकार ने टीपू सुल्तान की जयंती मनाई। जयंती नजदीक आते ही टीपू सुल्तान के नाम पर सियासी हंगामा शुरू हो जाता है। जहां कांग्रेस टीपू सुल्तान को सच्चा देशभक्त, हिंदू हितैषी और अंग्रेजों से लड़ने वाला पहला राजा बताती है, वहां बीजेपी उसे हिंदू विरोधी, मंदिर गिराकर मस्जिद बनवाने वाला, हिंदुओं का कत्लेआम कराने वाला बताती है। इस बीच सोशल मीडिया पर टीपू सुल्तान की ‘असली तस्वीर’ वायरल हो रही है। कई लोग टीपू की इस ‘असली तस्वीर’ को शेयर कर रहे हैं, यहां तक कि भाजपा प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने भी इस तस्वीर को शेयर किया है।
उन्होंने ट्वीट में लिखा- उन प्रत्याशियों को वोट दें जो एक सी शिक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्था, सिविल कोड, हिंदुत्व और हिंदुस्तान, जनसंख्या नियंत्रण कानून, अयोध्या काशी मथुरा, एक देश एक संविधान, एक देश एक नाम एक झंडा, भ्रष्टाचारियों को आजीवन कारावास, बेनामी संपत्तियों की 100 प्रतिशत जब्ती का समर्थन करते हों’। इसके साथ ही टीपू सुल्तान की ‘असली फोटो’ और ‘कांग्रेस प्रिंटेड फोटो’ भी शेयर की।
क्या है सच्चाई?
वायरल ब्लैक ऐंड वाइट तस्वीर कैमरे से खिंची हुई है, तो यह तस्वीर टीपू सुल्तान की तो हो ही नहीं सकती। अब हम बताते हैं क्यों.. दरअसल टीपू सुल्तान की मौत 1799 में हुई थी और कैमरा के इस्तेमाल से पहली तस्वीर 1826 या 1827 में खींची गई थी। तो फिर किसी शख्स की मौत के लगभग तीन दशक बाद उसकी तस्वीर कैसी खिंची जा सकती है।
लेकिन अब सवाल यह है कि वायरल तस्वीर में दिखने वाला शक्स कौन है। वह शख्स है टिप्पू टिप। उसका जन्म 1832 में और मृत्यु 1905 में हुआ था। ये जंजीबार का रहने वाला एक कारोबारी था।
आपको बता दें कि पिछले साल भी यह तस्वीर वायरल हुई थी। उस वक्त की कुछ साइट्स ने इस तस्वीर को फर्जी साबित किया था।
हमारी पड़ताल में वायरल ब्लैक ऐंड वाइट फोटो टीपू सुल्तान की नहीं बल्कि अफ्रीकी व्यापारी टिप्पू टिप की निकली।