COVID-19: क्या सही आंकड़ा छुपा रहा चीन, हो चुकी 2 करोड़ लोगों की मौत...जानिए क्या है सच...

Webdunia
मंगलवार, 24 मार्च 2020 (14:13 IST)
चीन में पिछले तीन महीने से कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है। चीन की सरकार ने वायरस से अब तक 3,270 लोगों की मौत और 81,093 के संक्रमित होने की पुष्टि की है। लेकिन सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है चीन में कोरोना से 2 करोड़ से अधिक मौतें हुई हैं लेकिन चीन सही आंकड़ा छुपा रहा है। इसके पीछे मोबाइल यूजर्स की संख्या में भारी गिरावट का हवाला दिया गया है।
 
क्या है वायरल-
 
कई चीनी नागरिकों ने वीडियो और दस्तावेजों के जरिये कोरोना से चीन में मौत के सरकारी आंकड़ों पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने दावा किया कि चीन में बीते तीन माह में 2.1 करोड़ मोबाइल फोन यूजर्स कम हो गए।

<

Latest figures released by China Mobile show that they have lost 8.116 million users in Jan and Feb. Where are these users now? Switched to other carriers? Or, they couldn't carry their phone to the nether world?
Chinese report at: https://t.co/lxw5FFYzoP#CCPVirus #COVID2019 pic.twitter.com/8sRV4lmDCv

— Jennifer Zeng (@jenniferatntd) March 20, 2020 >

<

At 8:00 pm today local time in #Wuhan. See how few lights there are? One can fake the numbers, but can’t fake the fact that only a few apartments are still lit up. Where have people gone? #CCPVirus #COVID19ON #coronavirus pic.twitter.com/VBevAqy0XC

— Jennifer Zeng (@jenniferatntd) March 19, 2020 >

<

Chinese Crematorium Sweeps Up The Dead Chinese Coronavirus Patients’ Cellphones,
While the Chinese Government continue covers up truth, down play the death tolls. pic.twitter.com/0xK5fBioUb

— @SeaUrchin96825) February 1, 2020 >
 
क्या है सच-
 
हाल ही में मोबाइल यूजर्स को लेकर चीन ने सरकारी मासिक डाटा जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि पिछले तीन महीने में चीन में 2.1 करोड़ मोबाइल यूजर्स घटे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी और फरवरी में चाइना मोबइल के 80 लाख यूजर्स कम हुए, वहीं चाइना यूनिकॉम के 78 लाख और चाइना टेलिकॉम के 56 लाख यूजर्स कम हुए।
 
बता दें, चीन में अक्सर लोगों के पास एक से ज्यादा सिम होते हैं। Epoch Times की रिपोर्ट के अनुसार, चीन में अब स्कूल बंद होने के बाद विद्यार्थी फोन के जरिये ऑनलाइन क्लासेस ले रहे हैं, तो हो सकता है कि कई ने नए फोन नंबर ले लिए हों।
 
रिपोर्ट में आगे यह भी लिखा है कि चीन में लाखों माइग्रेंट काम करते हैं। इसलिए इस बात की भी संभावना जताई गई कि माइग्रेंट वर्कर्स जनवरी में चाइनीज न्यू ईयर मनाने अपने-अपने घर गए हों और बाद में ट्रैवल बैन के कारण अपने वर्क प्लेस न जा पाएं हों और वहां का नंबर बंद कर दिए हों।
 
रिपोर्ट में एक और संभावना जताई गई कि चीन में शटडाउन के कारण आर्थिक परेशानियों की स्थिति में कई लोगों ने एक्सट्रा सेलफोन बंद कर दिए हों।
 
वहीं, चीन में यह खबर भी सामने आई थी कि बड़ी संख्या में लाशों का अंतिम संस्कार वुहान में किया गया था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद चीन ने वॉशिंगटन जर्नल, न्यूयॉर्क टाइम्स और वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकारों को अपने देश से बाहर कर दिया था। इन सभी मीडिया हाउस के पत्रकारों ने अपनी खबरों में कहा था कि चीन कोरोना वायरस से मरने वालों का सही आंकड़ा नहीं पेश कर रहा है और चीन अहम जानकारियों को दुनिया से छिपा रहा है।
 
हमने इस मुद्दे पर अधिकृत एंजेंसियों से भी सम्पर्क किया लेकिन WHO सहित किसी भी अंतराष्ट्रीय मान्य संस्था द्वारा पुष्टि न किए जाने से इसके बेबुनियाद और फेक न्यूज होने पर कोई संदेह नहीं है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख