सोशल मीडिया पर किसान क्रेडिट कार्ड को लेकर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है। एक अखबार की कटिंग शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मोदी सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड लोन के ब्याज दर को 7 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया है।
क्या है वायरल खबर में-
वायरल हो रही अखबार की कटिंग के मुताबिक, किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों को मिलने वाला लोन 1 अप्रैल से 7 फीसदी की जगह अब 12 फीसदी ब्याज दर से मिलेगा। खबर में यह भी कहा गया है कि आरबीआई ने सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों को दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
क्या है सच-
केन्द्र सरकार की पॉलिसी/स्कीम्स/विभाग/मंत्रालयों को लेकर गलत सूचना को फैलने से रोकने के लिए काम करने वाले PIB फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने ट्वीट कर इस फेक खबर के बारे में लोगों को जागरुक किया है।
PIB फैक्ट चेक ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा है- एक खबर में दावा किया जा रहा है कि अब किसान क्रेडिट कार्ड लोन 7% की जगह 12% ब्याज दर पर मिलेगा। यह दावा फर्जी है। केंद्र सरकार ने केसीसी लोन के ब्याज दर को बढ़ाने के संबंध में ऐसी कोई घोषणा नहीं की है।
किसान क्रेडिट कार्ड क्या है?
किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना 1998 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य किसानों को कृषि गतिविधियों के लिए बिना किसी बाधा के समय पर लोन उपलब्ध कराना था। भारत सरकार किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों को ब्याज़ पर 2 प्रतिशत की आर्थिक सहायता देती है और समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को 3 प्रतिशत की प्रोत्साहन छूट देती है। इस तरह केसीसी पर सालाना ब्याज़ दर 4 प्रतिशत की आती है। सरकार ने किसानों के हित में बड़े कदम उठाते हुए 2019 में केसीसी में ब्याज़ दर में आर्थिक सहायता का प्रावधान शामिल करते हुए इसका लाभ डेयरी उद्योग समेत पशुपालकों और मछ्ली पालकों को भी देने की व्यवस्था सुनिश्चित की है। साथ ही बिना किसी गारंटी के दिए जाने वाले केसीसी लोन की सीमा को 1 लाख से बढ़ाकर 1.60 लाख कर दिया है।