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क्या वाकई जापान में बैन हो रहे हैं ‘हानिकारक’ माइक्रोवेव ओवन...

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, बुधवार, 28 अगस्त 2019 (14:35 IST)
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक खबर तेजी से वायरल हो रही है कि जापान की सरकार ने 2019 के अंत तक सभी माइक्रोवेव ओवन को खत्म करने का फैसला किया है। दावा है कि जो यह नियम नहीं मानेंगे उन्हें जेल की सजा भी हो सकती है। दक्षिण कोरिया और चीन भी इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जल्द बंद करने वाला है।

वायरल मैसेज के मुताबिक माइक्रोवेव ओवन को बैन करने के पीछे यूनिवर्सिटी ऑफ हिरोशिमा के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया एक शोध है, जिसमें उन्होंने यह बताया कि माइक्रोवेव ओवन का इस्तेमाल करने से रेडिएशन का खतरा होता है। ये रेडिएशन उन परमाणु बम से भी ज्यादा खतरनाक हैं जिन्हें अमेरिका ने सितंबर 1945 में गिराया था।

वायरल मैसेज देखें-



क्या है सच-

जापान माइक्रोवेव ओवन पर बैन नहीं लगा रहा है। यह एक झूठी खबर है।

दरअसल, ये खबर सबसे पहले 3 मार्च 2019 को एक रशियन सटायर वेबसाइट ‘Panorama.pub’ पर पब्लिश हुई थी। मात्र व्यंग्य के लिए लिखे गए इस खबर में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है।

आप देख सकते हैं कि इस खबर के आखिर में एक डिस्क्लेमर भी लिखा है- ‘वेबसाइट का हर आर्टिकल असली खबरों की पैरडी है न कि सच्ची खबरें।’

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लेकिन किसी ने यही खबर सोशल मीडिया पर शेयर कर दी, जो अब कई देशों में वायरल हो रही है।

वेबदुनिया ने पाया कि जापान में 2019 के अंत तक माइक्रोवेव ओवन बंद करने का दावा फेक है।

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माइक्रोवेव ओवन के प्रयोग पर क्या कहता है WHO?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, माइक्रोवेव ओवन का प्रयोग तब तक बिल्कुल सुरक्षित है, जब तक आप इसका प्रयोग मैनुफैक्चरर के निर्देशों के अनुसार करते हैं। हालांकि, इसके सुरक्षित इस्तेमाल के लिए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं।

अगर भोजन ठीक से नहीं पकता है, तो ये सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। माइक्रोवेव से पैदा होने वाली ऊर्जा खाने की सतह के बहुत अंदर तक नहीं पहुंच पाती है। इसलिए इसमें ऐसी चीजें पकाना जो बहुत मोटी हैं, सही नहीं होता है।

WHO ने कहा है कि माइक्रोवेव में बना खाना भी पारंपरिक तरीकों से बने खाने की तरह ही पोषक तत्वों से भरपूर होता है। हालांकि, कुछ मामलों में ध्यान देने की जरूरत है, जैसे आपको बच्चों के दूध की बॉटल को माइक्रोवेव ओवन में गर्म नहीं करना चाहिए।

WHO ने इस बात का भी खंडन किया है कि माइक्रोवेव ओवन में खाना बनाने से आपके खाने में रेडियोएक्टिव गुण आते हैं। WHO ने समझाया कि माइक्रोवेव टेक्नोलॉजी बल्ब की तरह काम करती है। जिस तरह बल्ब के बुझने के बाद रोशनी पूरी तरह खत्म हो जाती है। उसी तरह माइक्रोवेव ओवन का स्विच बंद करने के बाद भी उससे निकलने वाली माइक्रोवेव तरंगें बंद हो जाती हैं और ये खाने को प्रभावित नहीं करती हैं।

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