सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि बाजार में 500 के नकली नोट सर्कुलेट हो रहे हैं। एक तस्वीर शेयर कर 500 के नकली नोट की पहचान करने का एक तरीका भी बताया जा रहा है। दावा है कि अगर 500 रुपए के नोट में हरे रंग का तार महात्मा गांधी की तस्वीर के पास है तो वह नोट नकली है क्योंकि असली नोट में हरे रंग का तार गवर्नर के हस्ताक्षर के पास होता है।
क्या है वायरल पोस्ट-
500 के दो नोट वाली एक तस्वीर को शेयर कर लिखा जा रहा है- ‘कृपया वह 500 रुपए के नोट स्वीकार न करें, जिसमें हरे रंग का तार महात्मा गांधी की तस्वीर के पास हो, क्योंकि ये नोट नकली हैं। केवल वही नोट स्वीकार करें, जिसमें स्ट्रिप गवर्नर के हस्ताक्षर के पास हो। कृपया इस संदेश को सभी परिवार और दोस्तों को भेजें।’
क्या है सच-इस दावे की पड़ताल के लिए हमने इंटरनेट पर ‘RBI, fake notes, notification’ कीवर्ड्स से सर्च किया, तो हमें RBI की आधिकारिक वेबसाइट की एक लिंक मिली। इसमें 1 जुलाई 2019 को जारी किया गया एक मास्टर सर्कुलर मिला, जिसका शीर्षक था- ‘
Detection and Impounding of Counterfeit Notes’। ये रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से सभी बैंकों को फेक नोट पहचानने और जब्त करने के बाबत जारी किया गया था। इसमें RBI के द्वारा जारी किए गए नोट के डिजाइन्स की लिस्ट भी है। इसमें कहीं भी हरे रंग के तार का जिक्र नहीं है।
सर्कुलर में हमें एक
लिंक भी मिली, जहां सभी नए नोटों के सिक्योरिटी फीचर्स का डीटेल है। इसमें 500 रुपए के नोट के बारे में लिखा गया है कि नोट को टेढ़ा करने पर सुरक्षा धागे का रंग हरे से नीले में बदलता है। लेकिन, RBI ने कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं किया है कि सुरक्षा धागा गांधीजी की तस्वीर से किस दूरी पर होगा।
आपको बता दें कि यह दावा दो साल पहले भी वायरल हुआ था। तब भी कई वेबसाइट्स ने इस दावे को खारिज किया था।
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया कि 500 रुपए के नोट पर हरे रंग का तार गांधीजी की तस्वीर के पास है या गर्वनर के हस्ताक्षर के पास, ये नोट के असली या नकली होने की पहचान नहीं है।