नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी को हुगली में चुनाव रैली के दौरान कथित तौर पर सांप्रदायिक आधार पर मतदाताओं से अपील करने के लिए बुधवार को एक नोटिस जारी किया है। उनसे 48 घंटे के भीतर नोटिस पर जवाब देने को कहा गया है।
नोटिस में कहा गया कि चुनाव आयोग को भाजपा के प्रतिनिधिमंडल से शिकायत मिली है जिसमें आरोप लगाया है कि 3 अप्रैल को बनर्जी ने हुगली में ताराकेश्वर की चुनाव रैली के दौरान मुस्लिम मतदाताओं से कहा कि उनका वोट विभिन्न दलों में न बंटने दें। चुनाव आयोग ने पाया है कि उनका भाषण जन प्रतिनिधित्व कानून और आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करता है।
BJP अध्यक्ष ने लगाया हमले का आरोप : भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार को आरोप लगाया कि उत्तर बंगाल के कूचबिहार जिले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं ने उनकी कार पर बम एवं ईंटों से हमला किया। सत्तारूढ़ पार्टी ने इन आरोपों से इनकार किया है।
घोष ने कहा कि सीतलकूची में भाजपा की बैठक के बाद उनकी कार पर हमला किया गया जिसमें उनकी कार की खिड़कियों के शीशे टूट गए। कार में जिस तरफ वह बैठे थे, उधर की खिड़की का शीशा भी टूटा गया जिसके बाद उन्हें एक ईंट भी आकर लगी।
घोष ने वीडियो संदेश में कहा कि अगर यह स्थिति है, तो कोई कैसे कूचबिहार में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव की उम्मीद कर सकता है जहां लोगों ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बदलाव के पक्ष में मतदान किया था। कूचबिहार जिले में विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 10 अप्रैल को मतदान होना है।
भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में कूच बिहार समेत उत्तर बंगाल में सात सीटें जीती थी आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रैली से लौट रहे तृणमूल कार्यकर्ता घोष की बैठक में शामिल हुए भाजपा कार्यकर्ताओं से उलझ गए थे।
घोष ने कहा कि मैं बैठक के बाद अपनी कार में लोगों के वहां से जाने का इंतजार कर रहा था जब टीएमसी का झंडा लिए लोगों ने हम पर बंदूकों, ईंटों, बमों और डंडों से हमला किया गया। यह तालिबानी हमले की तरह था। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी गाड़ी पर कई देशी बम फेंके गए। तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि हमले में सत्तारूढ़ पार्टी का हाथ नहीं है। (भाषा)