भगवानगोला/ सागरदिघी/ फरक्का (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि विदेशों में खेप भेजने के कारण यहां भंडार कम हो जाने के बाद प्रधानमंत्री ने कोविड-19 टीके की खुले बाजार में बिक्री की अनुमति दी। बनर्जी ने इस बात का संकेत दिया कि चुनाव कार्यक्रम भाजपा को मदद पहुंचाने की मंशा से तैयार किया गया। उन्होंने चुनाव के बाकी 3 चरणों को आपस में मिला देने के उनके प्रस्ताव को खारिज किए जाने पर अपनी नाखुशी व्यक्त की।
उन्होंने मुर्शिदाबाद के भगवानगोला में एक चुनावी जनसभा में कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी छवि चमकाने के लिए अन्य देशों को टीके का निर्यात किया जबकि महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान एवं पश्चिम बंगाल जैसे राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश कोविड महामारी का मुकाबला करने के लिए जरूरी खुराक प्राप्त करने के लिए संघर्ष करते रहे।
उन्होंने आरोप लगाया कि कल प्रधानमंत्री ने कहा कि दवा (टीका) खुले बाजार में उपलब्ध कराई जाएगी। खुला बाजार है कहां, उपलब्धता कहां है? आपने तो पहले ही इस दवा भंडार का बहुत बड़ा हिस्सा तो विदेशों में भेज दिया है।
केंद्र सरकार ने इस साल के प्रारंभ में पड़ोसी देशों समेत कई देशों को कोविड टीके की सौगात दी थी तथा ब्राजील एवं दक्षिण अफ्रीका समेत कई अन्य देशों में उसके निर्यात की अनुमति दी थी।
नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार को ऐतिहासिक अक्षमता वाली सरकार करार देते हुए बनर्जी ने कहा कि त्रुटिपूर्ण योजना के चलते हम टीके की भारी कमी से जूझ रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि कोलकाता, उत्तरी 24 परगना और आसनसोल क्षेत्र से कोविड-19 के अधिक मामले सामने आ रहे हैं तथा राज्य सरकार सीमित भंडार से इस संकट का प्रबंधन करने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि 6 महीने तक केंद्रीय नेतृत्व ने योजना बनाने की जहमत ही नहीं उठाई, वे बंगाल में चुनावी संघर्ष की योजना बनाने में व्यस्त रहे।
भाजपा पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने दावा किया कि पार्टी चुनाव प्रचार में मदद के लिए बाहर से लाखों लोगों को राज्य में लेकर आई और उनमें से कई कोविड से संक्रमित थे। ये लोग तो चले जाएंगे लेकिन उन्होंने वायरस को फैला दिया है और अब नए संकट को संभालने का जिम्मा हमपर है। बंगाल की कोविड स्थिति बिल्कुल नियंत्रण में थी लेकिन अब संक्रमण दर फिर बढ़ने लगी है।
हालांकि, मुख्यमंत्री ने यह कहते हुए लोगों को नहीं घबराने की सलाह दी कि वह फिर उसे नियंत्रण में ले आएंगी। उन्होंने कहा कि उन्हें पता चला है कि उम्मीदवारों के निधन के चलते मुर्शिदाबाद में 2 विधानसभा सीटों पर रद्द किए गए चुनाव 13 मई को कराए जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि ईद 13 मई को होती है तो निर्वाचन आयोग को मतदाताओं के त्योहार मनाने की जरूरत को ध्यान में रखकर मतदान की तारीख तय करनी चाहिए।
मुर्शिदाबाद एवं मालदा जिलों में गंगा नदी के अपरदन का जिक्र करते हुए तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि भारत-बांग्ला जल संधि की शर्तों के तहत बांग्लादेश को गंगा का पानी दिया गया लेकिन केंद्र ने फरक्का बैराज में जमे तलछट को नहीं हटवाया। इससे, जब बिहार में वर्षा होती है तब बिहार, मुर्शिदाबाद और मालदा में बाढ़ आती है। केंद्र सरकार को तत्काल फरक्का में गाद साफ करवानी चाहिए।
उन्होंने मतदाताओं से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि बंगाल दंगाइयों के हाथों में न चला जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि रामनवमी पर दंगा फैलाने की साजिश है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृपया, सावधान रहिए। हिंदुओं को मुसलमानों के विरुद्ध खड़ा करने की किसी कोशिश का शिकार न बनें।
उन्होंने लोगों से वाम, कांग्रेस या संयुक्त मोर्चा के उम्मीदवारों को वोट नहीं देने की अपील की क्योंकि ए भाजपा के दूसरे चेहरे हैं। फरक्का में एक अन्य रैली में मुख्यमंत्री ने भाजपा पर बाकी 3 चरणों को आपस में मिला देने के उनके प्रस्ताव का विरोध करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ उम्मीदवार संक्रमित हो गए, 2 मर गए। निर्वाचन आयोग मोदीबाबू की मदद करने के लिए चुनाव कार्यक्रम तय करता है।
बनर्जी ने कहा कि यदि चुनाव होता है तो चुनाव प्रचार भी होगा। एक दिन के मतदान से संक्रमण का प्रसार रुकेगा और लोगों को मदद मिलेगी। संयुक्त मोर्चा और भाजपा के बीच गुपचुप मिलीभगत के अपने दावे को स्पष्ट करते हुए तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि यह कुछ नहीं बल्कि भाजपा के आशीर्वाद से एक अन्य मोर्चा है। (भाषा)