ये है दुनिया की पहली कार्बन-न्यूट्रल बेबी आदवी, मात्र 2 साल की उम्र में कैसे किया ये कारनामा

गरिमा मुद्‍गल
शनिवार, 11 जनवरी 2025 (15:47 IST)
Carbon-Neutral Baby Aadvi: क्या आपने कभी सोचा है कि एक बच्चा दुनिया को बदल सकता है? तमिलनाडु की आदवी ने यह साबित कर दिया है। उसे दुनिया की पहली कार्बन-न्यूट्रल बेबी का खिताब दिया गया है। क्या अर्थ है कार्बन-न्यूट्रल होने का और कैसे हासिल किया आदवी ने यह ख़िताब इसकी कहानी बहुत ही रोचक और प्रेरणादायी है। असल में यह उपलब्धि न केवल आदवी की है बल्क आदवी के माता-पिता दिनेश और जनगनंदिनी की भी है जिन्होंने पूरी दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की। आइये वेबदुनिया हिंदी पर आज आपको बताते हैं आदवी की ये प्रेरक कहानी।  

कैसे बनी आदवी कार्बन-न्यूट्रल बेबी 
आदवी के माता-पिता दिनेश और जनगनंदिनी ने अपनी बेटी के जन्म से पहले ही एक अनोखा संकल्प लिया था। उन्होंने तय किया कि वे अपनी बेटी के कार्बन फुटप्रिंट को शून्य करेंगे। इसके लिए उन्होंने तमिलनाडु में अपने घर के आसपास 6000 फलों के पेड़ लगाए। ये पेड़ आदवी के पूरे जीवन में उत्पन्न होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करेंगे।

कार्बन-न्यूट्रल क्या है?
कार्बन-न्यूट्रल का मतलब है कि कोई व्यक्ति, समुदाय या देश वातावरण में जितना कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करता है, उतना ही कार्बन डाइऑक्साइड को सोख लेता है। आदवी के मामले में, उसके माता-पिता ने पेड़ लगाकर यह सुनिश्चित किया है कि वह अपने जीवनकाल में जितना कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न करेगी, वह इन पेड़ों द्वारा अवशोषित कर लिया जाएगा।

सीराखु एनजीओ
आदवी के पिता दिनेश क्षत्रियण ने आईआईटी मद्रास से पढ़ाई करने के बाद सीराखु नामक एक एनजीओ की स्थापना की। इस एनजीओ का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना और पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करना है। सीराखु ने अब तक लाखों पेड़ लगाए हैं और कई लोगों को इस अभियान से जोड़ा है।

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Carbon-Neutral Baby Aadvi
आदवी की उपलब्धियां
 
आदवी की कहानी को अभूतपूर्व बनाने में निश्चित थी उनके माता-पिता का योगदान है। हमें भी अपने आसपास के पर्यावरण को बचाने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाने चाहिए। हर इंसान को आदवी की इस कहानी से प्रेरणा लेनी चाहिए और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना चाहिए। हम पेड़ लगा सकते हैं, पानी बचा सकते हैं और कम से कम कचरा पैदा कर सकते हैं। हमारे छोटे-छोटे प्रयास पर्यावरण के लिए बड़ी मदद साबित हो सकते हैं।

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