क्रोध : क्षणिक पागलपन

करो गुस्से पर काबू

गायत्री शर्मा
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क्रोध मानव के मस्तिष्क का एक ऐसा विकार है, जो उसे क्षणभर के लिए पागल बना देता है। आमतौर पर गुस्सा हम सभी को आता है परंतु जब हमारा क्रोध अपनी सारी हदें लाँघ लेता है तो यह हमारे लिए नुकसानदेह हो जाता है।

गुस्सा अतृप्त व अधूरी इच्छाओं का परिणाम है। जब हम बहुत कुछ करने की सोचते हैं परंतु उतना हासिल नहीं कर पाते या किसी की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाते तब हमारी कुंठा गुस्से के रूप में परिणत हो जाती है।

जब हमारे दिल में कैद क्रोध का गुबार बाहर प्रस्फुटित होता है तब यह तबाही का सबब बन जाता है। गुस्से को दूर करने के लिए हमें उसके कारणों पर विचार करना होगा।

  इस दुनिया में सफल व्यक्ति वही है, जिसे अपने गुस्से पर काबू पाना आता है। गुस्से को कमजोरी बनकर इसे स्वयं पर हावी न होने दें। सुख और दु:ख को समभाव से स्वीकार कर जिंदगी का भरपूर मजा लें और खुश रहें, मुस्कुराते रहें।      
* गुस्से को हावी न होने दें :-
गुस्सा जब हम पर हावी हो जाता है तब हमें सही-गलत का भी भान नहीं रहता। ऐसे में व्यक्ति पागल-सा हो जाता है। गुस्से को कभी स्वयं पर इतना हावी मत होने दो कि वह हमें अपना गुलाम बना ले। समझदार व्यक्ति वही है, जो विवादों को उपजाने की बजाय उन्हें टालने का प्रयास करते हैं।

गुस्सा जब अपनी सारी हदें लाँघ देता है, तब यह बैर में बदल जाता है। यदि हम इसके कारणों को पहचानकर इसके प्रारंभिक चरण में ही इससे निजात पाने का प्रयास करें तो यह कभी हम पर हावी नहीं हो पाएगा। अपने व्यवहार व जीवनशैली में परिवर्तन लाकर क्यों न हम कुछ ऐसा करें कि हमें गुस्सा ही न आए।

* जब भी आए गुस्सा :-
जब भी आपको गुस्सा आए तब आप अपना ध्यान बाँटने की कोशिश करें। यदि आप एक ही चीज के बारे में बार-बार सोचेंगे तो आपका गुस्सा और भी अधिक बढ़ जाएगा।

कई बार परिस्थितियाँ भी गुस्से को बढ़ाने में प्रभावी होती हैं। ऐसे में हमें कुछ देर के लिए उस स्थान को छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य कार्य में अपना ध्यान बाँटना चाहिए। गुस्से में हमें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जो हमारे गुस्से को बढ़ाने में सहायक बने।

व्यर्थ की बहस गुस्से को बढ़ाने के लिए पर्याप्त है, अत: इस प्रकार की बहस से यथासंभव बचें। जिस भी व्यक्ति पर आपको गुस्सा आ रहा है, आप कुछ समय के लिए उससे दूर चले जाएँ।

गुस्से पर काबू करने के लिए हमें अपने व्यवहार पर नियंत्रण करना होगा। हमें शांत मन से यह सोचना होगा कि आखिर हमारे गुस्से की वजह क्या है? 'मौन' गुस्से पर काबू पाने का सबसे बेहतर तरीका है। मौन एक ऐसा हथियार है जो कई प्रकार के विवादों की जड़ों को काट देता है।

इस दुनिया में सफल व्यक्ति वही है, जिसे अपने गुस्से पर काबू पाना आता है। गुस्से को कमजोरी बनकर इसे स्वय ं पर हावी न होने दें। सुख और दु:ख को समभाव से स्वीकार कर जिंदगी का भरपूर मजा लें और खुश रहें, मुस्कुराते रहें।

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