रश्मि सिंह को यह सम्मान उनके मानवीय व शासकीय सेवा में सुधार और महिलाओं के उत्थान में उनके द्वारा गए प्रयासों के लिए दिया गया। रश्मि सिंह ने अपनी पुरस्कार राशि उन युवा लड़कियों की शिक्षा के लिए अर्पित की जो धन के अभाव में अपनी शिक्षा को जारी नहीं रख पा रही हैं।
डॉ. जया त्यागी को यह सम्मान उनके क्षय रोग पर किए कार्यों के लिए दिया गया है। डॉ. जया त्यागी के रिसर्च पेपर प्रकाशित होते रहे हैं और कई सम्मानों से वे नवाजी जा चुकी हैं। डॉ. त्यागी ने कहा कि महिलाओं को पुरस्कार मिलना बोनस मिलने की तरह है क्योंकि महिलाएं प्राय: काम करने के लिए काम करती है। अलग से किसी पुरस्कार की उम्मीद उन्हें नहीं होती है।
इस अवसर पर 'स्त्री शक्ति-द पैरलल फ़ोर्स' की अध्यक्षा रेखा मोदी ने कहा कि 1998 में स्थापित 'स्त्री शक्ति' महिलाओं के लिए महिलाओं द्वारा ही स्थापित संस्था है। उन्होनें कहा कि उनके विकास में उनकी मां का योगदान है। सही मायनों में महिलाएं ही महिलाओं के विकास में योगदान दे सकती है।
रंजना कुमारी ने इस अवसर पर कहा समाज में महिलाओं को सजाया जाता है पर सम्मान नहीं दिया जाता है। उन्होनें अपने जेंडर एजेंडे को सामने रखते हुए कहा कि 66 साल बाद भी राजनीति में केवल 11 % महिलाएं ही हैं।
सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री कुमारी शैलजा ने कहा कि हम यह लगातार सुनते आए हैं कि महिलाओं का बहुत सम्मान है पर कई बार ऐसा लगता है कि यह केवल किताबों में ही मिल रहा है। एक तरफ हमें कहा जाता है कि महिलाओं को सम्मान देना चाहिए पर दूसरी तरफ हम देखते हैं कि महिलाओं का उत्पीड़न बंद नही हुआ है।
बिना तरुण तेजपाल केस का नाम लिए कुमारी शैलजा ने कहा कि वर्तमान में हम देख रहे हैं कि पीड़िता को जितना समर्थन महिलाओं से मिलना चाहिए उतना नहीं मिल रहा है। यही बात पुरुषों को यह कहने का मौका देती है कि महिलाएं ही महिलाओं की शत्रु है। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध लेखिका चित्रा मुद्गल भी मौजूद थीं।