भ्रूणों की समाधि पर

Webdunia
- डॉ. मुरलीधर चाँदनीवाल ा
ND

दो हड्डियाँ
एक निठारी की
एक रतलाम की,
चलो, दोनों को मिलाएँ
एक कठोर वज्र बनाएँ।

वज्र हो ऐसा
जिसे उठाना तो दूर
छू न सके कोई
भोगी और विलासी इंद्र,

वज्र हो ऐसा
जो झुक न सके किसी
राजमुकुट के सम्मुख।

ठंडे हो जाएँ
भ्रूणों की समाधि पर
दधीचि तक की हड्डियों के जीवाश्म,
जन्मी और अजन्मी स्वप्न
कथा की भ्रूण भंगिमाएँ

जला डालें
नग्न होते जा रहे
बाजार के विद्रूप अंश,
वज्र उठे लहराकर
और मसल दिए जाएँ
कोमल तितली के प्राणों
पर खड़े हुए लौह दुर्ग।

समय की कजरी पर
नाच रही है कंस की क्रूर छायाएँ,
गर्भ में चल रही हैं गर्म हवाएँ,
आफत में डरी हुई सहमी-सी कन्याएँ
सिहर उठी हैं पहली ही धड़कन में,
ठहाका लगा रही हैं पितृ सत्ताएँ।

सभ्यता के प्रसूतिगृह
वधशालाओं में बदल रहे हैं।

दुनियाभर के नरभ्रूण
इकट्ठा हुए हैं समाधि पर,

एक ही वज्र संकल्प
एक ही दुर्घर्ष मुद्रा
उठ खड़ी हों अब
जमीन से खोदी गई सीताएँ,

न दें अब किसी तरह की अग्नि परीक्षा,
न सुनें लिंग धर्म का कथा पाठ,
सबक सिखाएँ उन माताओं को,
निर्लज्ज पिताओं को

नहीं कर सके जो अपनी ही
नस्ल का
रत्तीभर सम्मान।

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

ये हेल्दी फैट्स हार्ट को रखते हैं दुरुस्त, कोलेस्ट्रॉल भी रहता है कंट्रोल

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम और महत्व

05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस, जानें पर्यावरण संरक्षण पर 20 प्रेरणादायक और प्रभावी स्लोगन

पेट के लिए वरदान है जामुन, जानिए इसके चमत्कारी फायदे

सावधान! अधूरी नींद की वजह से खुद को ही खाने लगता है आपका दिमाग