2025 में क्या है विमेंस डे की थीम? जानिए 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है ये दिन?

पहली बार कब मनाया गया था अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, पढ़िए इस दिन का ऐतिहासिक महत्व

WD Feature Desk
शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2025 (17:07 IST)
International Women's Day 2025 : 8 मार्च को हर साल पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के सम्मान, समान अधिकार, और सशक्तिकरण का प्रतीक है। इस दिन को महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने और लैंगिक समानता की दिशा में प्रगति के लिए समर्पित किया जाता है। महिला दिवस का उद्देश्य केवल महिलाओं को सम्मान देना ही नहीं, बल्कि समाज में उनके अधिकारों को स्थापित करना और लैंगिक भेदभाव को समाप्त करना भी है।
 
2025 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम
साल 2025 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम 'Accelerate Action' रखी गई है। इस थीम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के लिए समानता को तेजी से हासिल करना है। यह थीम उन चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करती है, जिनका सामना महिलाएं आज भी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में कर रही हैं। 'Accelerate Action' का मतलब है कि अब केवल बातें नहीं, बल्कि ठोस कदम उठाने का समय आ गया है।
यह थीम इस बात पर जोर देती है कि महिलाओं को समान अधिकार, अवसर और सम्मान दिलाने के लिए हर स्तर पर तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की जाए। यह थीम उन योजनाओं और नीतियों को लागू करने पर जोर देती है, जो महिलाओं के सशक्तिकरण को गति दें और उन्हें आर्थिक, शैक्षिक, राजनीतिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाएं।
 
8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है महिला दिवस?
8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की परंपरा रूस की महिलाओं द्वारा 1917 में आयोजित एक हड़ताल से शुरू हुई थी। उस समय रूस में जूलियन कैलेंडर चलता था, जिसमें फरवरी का अंतिम रविवार 23 फरवरी को पड़ा था, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 8 मार्च था। रूस की महिलाओं ने इस दिन "ब्रेड और पीस" (रोटी और शांति) की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, जो बाद में रूसी क्रांति का कारण बना। इस हड़ताल के बाद ज़ार ने सत्ता छोड़ी और रूस की महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला। यही वजह है कि 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
 
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास 20वीं सदी की शुरुआत से जुड़ा है, जब अमेरिका और यूरोप में मजदूर आंदोलन के दौरान महिलाओं ने अपने अधिकारों की मांग की थी। 1908 में न्यूयॉर्क में लगभग 15,000 महिलाओं ने बेहतर काम की परिस्थितियों, कम कार्य घंटे और मतदान के अधिकार की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। 1909 में, अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहली बार 28 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। 1910 में, कोपेनहेगन में आयोजित सोशलिस्ट इंटरनेशनल के सम्मेलन में जर्मन नेता क्लारा ज़ेटकिन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की स्थापना का प्रस्ताव रखा। 1911 में, पहली बार ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में 19 मार्च को महिला दिवस मनाया गया। 1975 में, संयुक्त राष्ट्र ने इसे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मान्यता दी और तब से यह दिन विश्व स्तर पर मनाया जाता है।
 
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व केवल महिलाओं की उपलब्धियों को सराहना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लैंगिक समानता की दिशा में जागरूकता फैलाने और प्रेरित करने का भी प्रतीक है। यह दिन महिलाओं को सशक्त, आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनाने के लिए नई-नई योजनाओं और रणनीतियों पर विचार करने का अवसर प्रदान करता है। महिलाओं के अधिकारों की रक्षा, घरेलू हिंसा और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने, और उन्हें समान अवसर दिलाने के लिए यह दिन प्रेरित करता है। 


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