पाक को हराकर भारत फाइनल में

पाकिस्तान के सामने 261 का टारगेट

Webdunia
गुरुवार, 31 मार्च 2011 (00:57 IST)
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बल्लेबाजी में भाग्य और गेंदबाजी में अनुशासन के अनोखे मिश्रण से भारत ने बुधवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को विश्वकप 2011 के ‘महामुकाबले’ में 29 रन से चित करके सह-मेजबान श्रीलंका से खिताबी मुकाबले में भिड़ने का हक पाया।

क्रिकेट कूटनीति का गवाह बना यह मैच दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों और कई दिग्गज हस्तियों ने भी देखा। महेंद्रसिंह धोनी के रणबांकुरों ने मनमोहन सिंह और उनकी टीम में खूब जोश भरा और पाकिस्तान पर विश्वकप में अपना शत-प्रतिशत रिकॉर्ड बरकरार रखा। भारत तीसरी बार फाइनल में पहुँचा है। 1983 के चैंपियन को दूसरी बार खिताब जीतने के लिए अब दो अप्रैल को मुंबई में श्रीलंकाई चुनौती तोड़नी होगी।

पीसीए स्टेडियम में भाग्य भारत के साथ था। सचिन तेंडुलकर ने चार जीवनदान और रेफरल का फायदा उठाकर 115 गेंद पर 85 रन बनाए। वीरेंद्र सहवाग (38) ने टीम को तूफानी शुरुआत दिलायी लेकिन वहाब रियाज (46 रन देकर पाँच विकेट) के झटकों से रन गति धीमी पड़ गई। सुरेश रैना ने आखिर में 36 रन की अच्छी पारी खेली, जिससे भारत ने नौ विकेट पर 260 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया।

मैच में गेंदबाजों ने अंतर पैदा किया। भारतीय गेंदबाजों ने बेहद अनुशासित खेल दिखाया और नियमित अंतराल में विकेट लेकर पाकिस्तान को बड़ी साझेदारी नहीं निभाने दी। मिसबाह उल हक ने 76 गेंद पर 56 रन बनाए पर पाकिस्तान 49. 5 ओवर में 231 रन ही बना पाया। भारत की तरफ से पाँचों गेंदबाजों जहीर खान, आशीष नेहरा, मुनाफ पटेल, हरभजन सिंह और युवराज सिंह ने दो-दो विकेट लिए।

भारत को सहवाग ने तूफानी शुरुआत दिलाई और तब लग रहा था कि टीम 300 रन के पार पहुँचेगी लेकिन बीच में नियमित अंतराल में विकेट गँवाने से रन गति धीमी पड़ी। आलम यह था एक समय 15 ओवर तक गेंद सीमा रेखा पार ही नहीं गयी।

सहवाग ने फिर से चौका जड़कर खाता खोला। उनके निशाने पर उमर गुल थे जिनके खिलाफ उन्होंने 19 गेंद पर आठ चौके जमाकर पाकिस्तानी आक्रमण थर्रा दिया। उन्होंने गुल के दूसरे ओवर में पाँच चौके जड़कर स्ट्रोक-प्ले का बेमिसाल नजारा पेश किया लेकिन जैसे ही वह चूके आउट हो गए। रियाज की पहले ओवर में ही मिडिल और लेग स्टंप पर पिच की गई गेंद उन्हें पगबाधा कर गई और रेफरल भी उनके खिलाफ गया।

तेंडुलकर का भाग्य ने पूरा साथ दिया। उन्होंने अपनी कलात्मकता और प्लेसमेंट का अच्छा नजारा पेश किया लेकिन इस बीच छह बार वह पैवेलियन जाने से बचे। तेंडुलकर जब 23 रन पर थे तो अंपायर इयान गाउल्ड ने अजमल की अपील पर उन्हें पगबाधा दे दिया था। गेंद लाइन में थी लेकिन रीप्ले से लग रहा था वह लेग स्टंप छोड़ रही थी। गाउल्ड को फैसला बदलना पड़ा। अगली गेंद पर स्टंपिंग की अपील पर तेंडुलकर को संदेह का फायदा मिला।

मास्टर ब्लास्टर को इसके बाद 27 रन पर मिस्बाह, 45 रन पर यूनिस खान और 70 रन पर कामरान अकमल ने जीवनदान दिया। तीनों अवसरों पर दुर्भाग्यशाली गेंदबाज अफरीदी रहे। तेंडुलकर जब 81 रन पर थे तब मोहम्मद हफीज की गेंद पर उमर अकमल ने उनका कैच टपकाया।

इस बीच दूसरे छोर पर लगातार तीन विकेट गिरने से भी तेंडुलकर पर दबाव बना। गंभीर कुछ आकर्षक शॉट लगाने के बाद हफीज की फ्लाइट लेती गेंद पर चूक गए और बाकी काम विकेटकीपर ने पूरा कर दिया।

लेकिन वह रियाज थे जिन्होंने भारतीयों को हिला कर रखा। मैच के 26वें ओवर में पासा पलटा। रियाज ने तब विराट कोहली :9: और युवराज को लगातार गेंद पर आउट किया। तालियों की गूँज के साथ क्रीज पर कदम रखने वाले युवराज थोड़ी सी स्विंग लेती नीची रहती फुलटास पर बोल्ड हुए।

दर्शकों का दिल टूट गया। उनकी धड़कने बढ़ गई थी। धोनी ने रियाज की हैट्रिक नहीं बनने दी, लेकिन भारतीय टीम दबाव में आ चुकी थी और पाकिस्तानी गेंदबाजी हावी हो गए थे। आलम यह था कि 30वें ओवर के बाद गेंद को सीमा रेखा के दर्शन करने के लिये 45वें ओवर तक का इंतजार करना पड़ा और इस बीच टीम ने तेंदुलकर और धोनी के विकेट गँवाए।

धोनी को भी जीवनदान मिला लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाए। रियाज की गेंद पर कामरान ने उनका कैच छोड़ा लेकिन इसी ओवर में भारतीय कप्तान पगबाधा आउट हो गए। रेफरल भी धोनी को नहीं बचा पाया।

गुल ने अपने पहले चार ओवर में 41 रन दिये थे और बाद में भी उनकी नहीं चली। बल्लेबाजी पावरप्ले के पहले ओवर में रैना ने उन पर तीन चौके जड़े। इस बीच ‘दूसरा’ के धनी हरभजन सिंह (12) को अजमल ने ‘दूसरा’ पर अपना शिकार बनाया जबकि रियाज ने जहीर खान (9) के रूप में पाँचवाँ विकेट लिया।

पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए विकेट निकालना जरूरी था और ऐसे में युवराज ने गेंदबाजी में कमाल दिखाया। बाएँ हाथ की उनकी स्पिन गेंदबाजी इस टूर्नामेंट में विरोधी बल्लेबाजों पर कहर बनकर टूटी है और मोहाली की पिच भी अपवाद नहीं रही।

अपने घरेलू दर्शकों के सामने युवराज ने पहले असद शाफिक (30) का मिडिल स्टंप उखाड़ा जो सीधी गेंद को कट करना चाहते थे। अगले ओवर में उन्होंने अनुभवी यूनिस खान (13) को लाफ्टेड कवर ड्राइव के लिए ललचाकर कैच कराया।

उमर अकमल (29) ने युवराज के लगातार ओवरों में एक-एक छक्का जड़कर उनकी लय बिगाड़ने और रन रेट बढ़ाने की कोशिश की लेकिन धोनी की चतुराई भरी कप्तानी की तारीफ करनी होगी। उन्होंने तब हरभजन को गेंद सौंपी जिनकी आर्म बाल जैसी सीधी गेंद पर उमर बोल्ड हो गए।

हरभजन ने यदि उमर को हैरान किया तो मुनाफ ने यही काम अब्दुल रज्जाक (3) के लिए किया। उनकी लेगकटर पर रज्जाक कट करना चाहते थे लेकिन वह कुछ समझ पाते इससे पहले गेंद आफ स्टंप की गिल्ली उड़ा चुकी थी।

भारतीयों की अनुशासित गेंदबाजी का आलम यह था कि 37वें ओवर में पहला अतिरिक्त रन गया। पाकिस्तान की उम्मीद कप्तान शाहिद अफरीदी पर टिकी थी लेकिन हरभजन की फुलटॉस हवा में लहराकर जैसे ही वह पैवेलियन लौटे भारतीय जीत औपचारिकता रह गई। मिस्बाह के अंतिम विकेट के रूप में आउट होते ही पीसीए स्टेडियम में दीवाली का माहौल बन गया।

सोनिया गाँधी भी खुश : मैच के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने भी अपनी खुशी का इजहार दोनों हाथ उठाकर किया जबकि विशेष बॉक्स में मौजूद भारत के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने बधाई दी। डॉ. सिंह ने यह मैच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के साथ बैठकर देखा।

अफरीदी ने दी बधाई : पाकिस्तान के कप्तान शाहिद अफरीदी ने भारतीय टीम के साथ साथ पूरे देशवासियों को इस जीत पर बधाई देते हुए कहा टीम इंडिया इस जीत की हकदार थी। हरभजन ने मैच में नाटकीय बदलाव लाया। हमारे खिलाड़ियों के प्रयास भी प्रशंसनीय रहे। हम यहाँ तक पहुँचे, हमारे लिए बहुत बड़ी कामयाबी है।

धोनी की प्रतिक्रिया : मैच के बाद भारतीय कप्तान धोनी ने सचिन और सहवाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन दोनों ने अ‍च्छी शुरुआत की और बाद में सचिन ने यादगार पारी खेली। गेंदबाजों ने भी अपनी भूमिका के साथ न्याय किया।

सचिन को 85 रनों का पुरस्कार 'मैन ऑफ द मैच' के रूप में मिला। सही मायने में देखा जाए तो मोहाली की जीत ने पूरे देश में दीवाली मना दी और पूरा देश इस जीत का जश्न मना रहा है। (वेबदुनिया/भाषा)

42वेओवर की चौथी गेंद पर वहाब रियाज ने भारत का कीमती विकेट कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी (25 रन, 42 गेंद) को पगबाधा आउट लेकर दिया। वहाब ने इस मैच में शानदार गेंदबाजी की है। उन्होंने सहवाग, कोहली, युवराज और धोनी के विकेट झपटे हैं। भारत 42 ओवरों के बाद 6 विकेट के नुकसान पर 205 रन

सचिन तेंडुलकर के आउट होने के बाद भारत के रन बनाने की रफ्तार पर असर पड़ा है और 40 ओवर में भारत 5 रन के औसत से 200 रन बना चुका है। 38वें ओवर में स्कोर 189 और 39वें ओवर में 195 रन था। मैदान पर मौजूद सुरेश रैना और धोनी को यहाँ एक बड़ी साझेदारी निभाने की जरूरत है।

37वें ओवर में सचिन तेंडुलकर आउट। सचिन केवल 15 रन से महाशतक चूके। सचिन को 85 रनों के निजी स्कोर पर कवर्स ने अफरीदी ने लपका। भारत 37 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 187 रन

36ओवर का खेल जब पूरा हुआ तब सचिन अपने महाशतक से केवल 16 रन दूर हैं

35वें ओवर में सचिन तेंडुलकर एक और जीवनदान के सहारे 82 रन पर पहुँच गए हैं और भारत का कुल स्कोर 182 रन है

34 ओवरों का खेल पूरा हो चुका है और भारत ने 4 विकेट के नुकसान पर 177 रन बनाए हैं। सचिन 77 और धोनी 15 रन बनाकर नाबाद हैं। 34 ओवर के बाद गेंद बदली गई है

33वाँ ओवर हफीज लेकर आए हैं और उन्होंने काफी अनुशासित गेंदबाजी की है। इस ओवर में हफीज ने केवल 1 रन दिया। 33 ओवर के बाद भारत 4 विकेट के नुकसान पर 173 रन बना चुका है

सचिन तेंडुलकर अपने महाशतक से सिर्फ 24 रन दूर है। 32 ओवर के बाद भारत ने 4 विकेट के नुकसान पर 172 रन बना लिए थे। सचिन 97 गेंदों पर 76 और धोनी 17 गेंदों में 13 रन पर नाबाद हैं

28वें ओवर में उमर गुल की खराब फील्डिंग के कारण धोनी को चौका मिला। 28 ओवर के बाद भारत का स्कोर 160 रन।

27वें ओवर मे कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने स्लिप के न होने का फायदा उठाकर गेंद को चौके के लिए भेजा और भारत का स्कोर 150 पर पहुँचाया। स्टेडियम में एक बार फिर चेतना लौट आई है। 27 ओवर में भारत का स्कोर चार विकेट के नुकसान पर 150 रन

रियाज को पूरे टूर्नामेंट में कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली थी लेकिन 26वें ओवर में उन्होंने 2 विकेट लेकर भारत को सकते में डाल दिया

26वें ओवर की दूसरी गेंद पर रियाज की गेंद पर विराट कोहली बल्ले का मुँह नहीं खोल पाए और अकमल ने आसान कैच लपक लिया। रियाज ने अगली ही गेंद पर युवराज सिंह के डंडे बिखेरकर भारत को एक बड़ा झटका दिया है। भारत 25.2 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 141 रन

25 ओवरों का खेल पूरा हो चुका है और भारत का स्कोर 2 विकेट के नुकसान पर 141 रन

वहाब के रूप में एक बार फिर गेंदबाजी में परिवर्तन किया गया है और उन्होंने केवल 3 रन दिए। इस ओवर के खत्म होने के बाद भारत का स्कोर 136 रनों पर पहुँचा है। सचिन 73 गेंदों का सामना करने के बाद 58 रन पर नाबाद हैं जबकि कोहली ने 15 गेंदों का सामना करने के बाद 6 रन बनाए हैं। विकेट बहुत अच्छा है और यहाँ पर यदि भारत इसी गति से रन बनाता रहा तो स्कोर 285 के पार होना चाहिए

23 ओवरों की समाप्ति के बाद भारत का स्कोर 133 रन 2 विकेट के नुकसान पर।


22वें ओवर में अफरीदी की दूसरी गेंद को सचिन ने चौके लगाया और वनडे करियर का 95वाँ अर्धशतक पूरा किया। सचिन वनडे में 48 शतक भी जमा चुके हैं और यदि आज वे शतक जमा देते हैं तो ये उनका क्रिकेट करियर का 100वाँ शतक होगा क्योंकि टेस्ट में उनके शतकों का आँकड़ा 51 का है। अफरीदी के ओवर की अंतिम गेंद पर सचिन ने चौका लगाकर भारत का स्कोर 22 ओवर में 130 रन पर पहुँचाया

21वाँ ओवर प्रगति पर है। सचिन तेंडुलकर अपने अर्धशतक से 4 रन दूर है जबकि नॉन स्ट्राइक पर विराट कोहली मौजूद हैं। आज सचिन किस्मत के धनी है, इसका प्रमाण मोहाली के मैदान पर देखने को मिल रहा है। पाकिस्तान को सचिन के ये जीवनदान बहुत महँगे साबित हो सकते हैं। 21 ओवर के बाद भारत का स्कोर 120 रन

20वें ओवर में अफरीदी की तीसरी गेंद पर यूनुस खान ने सचिन तेंडुलकर को एक ओवर जीवनदान दिया। अफरीदी की गेंद पर पहले मिस्बाह ने और इस बार यूनुस खान ने सचिन को जीवनदान दिया है। 20 ओवरों के बाद भारत 2 विकेट खोकर 119 रन


गौतम गंभीर ने 19वें ओवर में जल्दबाजी दिखाई और हफीज की ऑफ स्टंप की गेंद पर वे क्रीज से बाहर निकल आए और स्टंपिंग आउट हो गए। गंभीर ने 25 रनों का योगदान दिया। भारत 116 रन के कुल स्कोर पर 2 विकेट गँवा चुका था।

18वाँ

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