पाक खिलाड़ियों पर दबाव नहीं : इमरान

Webdunia
शनिवार, 26 मार्च 2011 (21:19 IST)
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पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान ने कहा कि भारत के खिलाफ मोहाली में सेमीफाइनल मैच के दौरान प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की मौजूदगी का पाकिस्तानी क्रिकेटरों पर अतिरिक्त दबाव नहीं होगा।

इमरान ने कहा मुझे नहीं लगता कि इसका खिलाड़ियों पर दबाव होगा। विश्वकप में खेलने और भारत के खिलाफ खेलने की अहमियत सभी को पता है। मैं इतना कह सकता हूँ कि पाकिस्तानी क्रिकेटरों के जेहन में आसिफ जरदारी के सामने होने की बात कहीं नहीं होगी।

उन्होंने कहा पाकिस्तानी इस बारे में नहीं सोच रहे होंगे। उनका ध्यान सिर्फ मैच पर होगा। जरदारी के होने से टीम पर कोई दबाव नहीं होगा और ना ही दबाव कम होगा। इमरान ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पाकिस्तान के शीर्ष राजनीतिज्ञों को न्यौता देना सकारात्मक पहल है और सही दिशा में उठाया गया कदम है। उन्होंने कहा कि कम से कम दोनों देशों में बातचीत तो शुरू होगी। यह सकारात्मक संकेत है।

भारत का पलड़ा भारी : इमरान ने कयास लगाया कि विश्वकप सेमीफाइनल में भारत का पलड़ा पाकिस्तान पर भारी है लेकिन पिछले रिकॉर्ड का इस मुकाबले पर कोई असर नहीं होगा। इमरान ने स्वीकार किया कि मौजूदा फॉर्म को देखते हुए विश्व कप में भारत सबसे प्रबल दावेदार है। इमरान ने महेंद्र सिंह धोनी को शाहिद अफरीदी से बेहतर कप्तान करार दिया।

इमरान के मुताबिक खिताब के प्रबल दावेदार हमेशा विश्व कप नहीं जीतते। मेजबान टीम ने कभी विश्वकप नहीं जीता है लेकिन हमेशा कुछ पहली बार होता है। मैं चाहता हूँ कि पाकिस्तान जीते लेकिन भारत के लिए भी यह सर्वश्रेष्ठ मौका है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा फॉर्म, रिकॉर्ड और टीम संतुलन को देखते हुए भारत के पास यह विश्वकप जीतने का सबसे सुनहरा मौका है। ऐसे मौके बहुत कम आते हैं और अगले विश्वकप में शायद यह नहीं हो सके। दोनों कप्तानों की तुलना करते हुए इमरान ने कहा कि धोनी तीनों प्रारूपों में कप्तान है जिसका उसे फायदा मिला है। अफरीदी ने टेस्ट टीम की कप्तानी से इनकार करके गलती की। टेस्ट मैच का दबाव सबसे अधिक होता है।

भारत-पाक मैच को युद्ध मत कहो : मोहाली में पाकिस्तानी मैनेजर इंतिखाब आलम ने मीडिया को चिर-प्रतिद्वंद्वी भारत के खिलाफ होने वाले क्रिकेट विश्व कप सेमीफाइनल को ‘युद्ध’ नहीं कहने की सलाह देते हुए कहा कि यह सामान्य मैच है। इसे क्रिकेट ही रहने दीजिये और हमें ऐसा महसूस मत कराईये कि हम युद्ध की कगार पर खड़े हैं।

पूर्व पाकिस्तानी कप्तान उस टीम के कोच थे, जिसने 1992 विश्व कप में जीत दर्ज की थी और वह चारों तरफ चल रही बातों से खुश नहीं है क्योंकि इससे खिलाड़ियों पर काफी दबाव बन जाएगा। उन्होंने कहा इसकी क्या जरूरत है। आलम ने कहा कि हम अपने खिलाड़ियों को दबाव में नहीं लाना चाहते। यह गैर जरूरी है। उन्होंने कहा दोनों देशों में काफी भावुक लोग हैं। दोनों टीमें नहीं जीत सकती, किसी को तो हारना ही पड़ेगा।


गेंदबाजी हमारी ताकत है और सफलता की कुंजी : पाकिस्तानी हरफनमौला मोहम्मद हफीज ने कहा है कि उनकी टीम पर चिर-प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले का कोई अतिरिक्त दबाव नहीं है। हफीज ने कहा कि गेंदबाजी हमारी ताकत है और सफलता की कुंजी भी। हमारे बल्लेबाज भी अच्छा खेल रहे हैं। सिर्फ बड़े स्कोर बनाना ही जरूरी नहीं। हमारे बल्लेबाजों में लक्ष्य का पीछा करने की क्षमता है।

विश्व कप में भारत के खिलाफ खराब रिकॉर्ड के बारे में पूछने पर हफीज ने कहा कि वह अतीत की बात है। ऑस्ट्रेलिया को भी विश्वकप में कई साल से किसी ने नहीं हराया था लेकिन हमने और फिर भारत ने उसे मात दी। हम अतीत के बारे में नहीं सोच रहे। (भाषा)

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