वेस्टइंडीज के खिलाफ पाक का पलड़ा भारी

Webdunia
बुधवार, 23 मार्च 2011 (14:14 IST)
विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया के 34 मैचों से चले आ रहे अपराजेय क्रम को थामने से उत्साहित पाकिस्तान बुधवार को जब यहाँ वेस्टइंडीज के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में उतरेगा तो उसके लिए सेमीफाइनल में जगह बनाने से भी अधिक काफी कुछ दाँव पर लगा होगा।

वर्ष 1992 में विश्वकप जीतने वाली पाकिस्तानी टीम ने मार्च 2009 में श्रीलंकाई टीम पर लाहौर में हुए आतंकवादी हमले के बाद से घरेलू मैदान पर कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है। पिछले वर्ष प्रकाश में आए स्पॉट फिक्सिंग मामले ने उसके खिलाड़ियों की ईमानदारी को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है।

स्पॉट फिक्सिंग के कारण पाकिस्तान को अपने तीन बेहतरीन खिलाड़ियों - सलमान बट्ट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर की सेवाओं से विश्वकप में वंचित होना पड़ा। इससे टीम की छवि बुरी तरह प्रभावित हुई और उसके विश्वकप जीतने पर दाव लगाने को कोई तैयार नहीं था।

लेकिन विश्वकप ने शाहिद अफरीदी की टीम को अपनी इस छवि को तोड़ने का बेहतरीन मौका दिया है। पाकिस्तान ने लीग चरण में सहमेजबान श्रीलंका और चार बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया जैसी सशक्त टीमों को मात दी थी। इसके अलावा उसने जिम्बाब्वे, केन्या और कनाडा को हराकर ग्रुप ए में शीर्ष स्थान हासिल किया था। टीम को अपनी एकमात्र हार न्यूजीलैंड के खिलाफ झेलनी पड़ी थी।

लीग चरण में गेंदबाजी पाकिस्तान की असली ताकत रही। कप्तान आफरीदी सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में शीर्ष पर हैं जबकि तेज गेंदबाज उमर गुल संयुक्त छठे स्थान पर हैं। इन दोनों गेंदबाजों में कुल मिलाकर 30 विकेट लिए हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ भी टीम को अफरीदी और गुल से ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी।

लेकिन बल्लेबाजी में सलामी बल्लेबाजों और आफरीदी की नाकामी टीम के लिए चिंता का सबब हो सकती है। पाकिस्तान को जीत की लय बनाने के लिए अपनी इस परेशानी का हल ढूँढ़ना होगा। टीम हर बार अपने गेंदबाजों के दम पर ही जीत की उम्मीद नहीं कर सकती है बल्कि उसके बल्लेबाजों को भी अपनी खराब फार्म को पीछे छोड़ना होगा।

कोच वकार यूनुस भी मानते हैं कि टीम के साथ ओपनिंग में समस्या है। उन्होंने कहा निश्चित रूप से ओपनिंग में हमारी समस्या है। हमारे ओपनर अब तक टीम को ठोस शुरुआत देने में नाकाम रहे हैं। उम्मीद है कि क्वार्टर फाइनल में उनके बल्ले रन उगलेंगे। टीम को अगर बड़ा स्कोर खड़ा करना है तो ओपनरों को ठोस शुरुआत देनी होगी।

टीम ओपनिंग में मोहम्मद हफीज, अहमद शहजाद और कामरान अकमल को आजमा चुकी है लेकिन ये तीनों बल्लेबाज टीम को ठोस शुरुआत देने में नाकाम रहे हैं। हालाँकि टीम की फील्डिंग में सुधार आया है और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम लीग मैच में पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने शानदार क्षेत्ररक्षण का प्रदर्शन किया।

अफरीदी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत के बाद कहा था कि हमारी टीम के साथ कई समस्याएँ हैं लेकिन उसके पास प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की भरमार है। यह प्रतिभा पाकिस्तान को एक खतरनाक टीम बनाती है जो किसी भी टीम को हराने में सक्षम है। हम जीत के इस सिलसिले को नॉकआउट दौर में आगे बढ़ाना चाहते हैं।

न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच को छोड़ दिया जाए तो पाकिस्तानी गेंदबाजों ने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया है। न्यूजीलैंड ने रोस टेलर के तूफानी शतक के दम पर 300 से अधिक रन का विशाल स्कोर बनाया था और पाकिस्तानी बल्लेबाज बड़े लक्ष्य का पीछा करने के दबाव में बिखर गए थे और टीम 110 रन से यह मैच हार गई थी।

दूसरी तरफ दो बार की विश्वकप विजेता वेस्टइंडीज ने पिछले 20 महीने से किसी शीर्ष टीम के खिलाफ कोई मैच नहीं जीता है। विश्वकप के लीग चरण में उसे सभी शीर्ष टीमों दक्षिण अफ्रीका, भारत और इंग्लैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। हालाँकि कैरेबियाई टीम बांग्लादेश, आयरलैंड और हॉलैंड को हराकर नॉकआउट चरण में पहुँचने में सफल रही।

इंग्लैंड और भारत के खिलाफ अपने अंतिम दो लीग मैचों को वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों ने जीत के करीब पहुँचकर अपने विकेट सस्ते में गँवा दिए। कप्तान डेरेन सैमी ने भारत के खिलाफ हार के बाद कहा था हमने अपने अंतिम आठ विकेट 30 रन जोड़कर गँवा दिए। यह हमारे लिए चिंता की बात है लेकिन नॉकआउट चरण में हम इस गलती को नहीं दोहरा सकते।

हम इस पर काबू पाना होगा। पाकिस्तान के खिलाफ हम अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम उतारेंगे। वेस्टइंडीज ने अपने प्रमुख तेज गेंदबाज केमर रोश और धुरंधर ओपनर क्रिस गेल को भारत के खिलाफ नहीं उतारा था। इन दोनों के पाकिस्तान के खिलाफ खेलने की संभावना है। रोश के स्थान पर भारत के खिलाफ उतारे गए रवि रामपाल ने पाँच विकेट चटकाए थे जिससे अंतिम एकादश में उनकी जगह बनती है लेकिन उन्हें फिट रखना सैमी के लिए एक समस्या होगी।

विश्वकप में पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के बीच आठ मैच हुए हैं जिनमें से छह बार बाजी कैरेबियाई टीम के हाथ लगी है लेकिन वेस्टइंडीज को पाकिस्तान के खिलाफ पिछले छह मैचों में से पाँच में हार का सामना करना पड़ा है।

शेरे बंगला नेशनल स्टेडियम के रिकॉर्ड को देखा जाए तो यहाँ लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम का पलड़ा भारी दिखता है। इस मैदान पर वर्ष 2009 से मार्च 2010 तक लगातार 17 मैचों में बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम को जीत नसीब हुई है। (वार्ता)

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