श्रीलंकाई मीडिया की मिश्रित प्रतिक्रिया

Webdunia
रविवार, 3 अप्रैल 2011 (23:02 IST)
क्रिकेट विश्वकप फाइनल में भारत के हाथों शिकस्त के बाद श्रीलंकाई मीडिया ने आज राष्ट्रीय टीम की हार पर मिश्रित प्रतिकिया दी जब एक समाचा र- पत्र ने टीम के चयनकर्ताओं की आलोचना की जबकि एक अन्य ने कहा कि भारत यह प्रतिष्ठित ट्रॉफी जीतने का हकदार था।

सरकारी समाचार पत्र ‘संडे आब्जर्वर’ ने शीषर्क लगाया, ‘धोनी के धमाल ने भारत को विश्व चैम्पियन बनाया।’ चयन में खामियों पर प्रतिक्रिया देते हुए इस समाचार पत्र ने पूछा, ‘अंतिम एकादश का चयन किसने किया।’

इसने कहा, ‘सभी तब स्तब्ध थे जब अजंता मेंडिस की जगह सूरज रणदीव को टीम में शामिल किया गया।’ समाचा र- पत्र ने कहा कि पूरी तरह फिट नहीं होने के बावजूद म ुथ ैया मुरलीधरन को खिलाना गलत था फिर भले ही वह कितने भी महान गेंदबाज हों।

समाचा र- पत्र ने लिखा, ‘मुरलीधरन जैसे महान खिलाड़ी को विदाई देने से भी अहम मेगा फाइनल जीतना था।’ कल रात महेंद्र सिंह धोनी की टीम के हाथों मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका की छह विकेट से हार पर प्रतिक्रिया करते हुए ‘संडे टाइम्स’ समाचार पत्र ने अपने संपादकीय में लिखा है, ‘हताश और काफी निराश, अधिकांश श्रीलंकाई आज जब उठेंगे तो इस तथ्य के साथ खुद को मनाने की कोशिश करेंगे कि उनकी राष्ट्रीय टीम दूसरी सर्वश्रेष्ठ टीम बनी।’

समाचा र- पत्र ने कहा कि भारत के मुकाबले श्रीलंका के लिए फाइनल का सफर आसान रहा। इसने कहा, ‘भारत जीत का हकदार है और वह तारीफ के काबिल हैं।’

समाचा र- पत्र ने हालाँकि साथ ही कहा कि इस हार में अपमान की कोई बात नहीं है। इसने कहा, ‘वे कल रात पक्षपाती दर्शकों के सामने अपने घर से दूर क्रिकेट की शीर्ष रैंकिंग वाली टीम से हारे और हार में अपमान की कोई बात नहीं है।’

इसने हालाँकि हार की जाँच करने की माँग की। इसने कहा,‘अब समय आ गया है कि श्रीलंका में खेल प्रशासन का आकलन किया जाए।’ समाचा र- पत्र ने तर्क दिया, ‘क्रिकेट को लगातार अंतरिम समितियाँ चला रही हैं जिनमें भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद, राजनीतिक हस्तक्षेप और कुप्रबंधन हावी रहा है।’

‘संडे आब्जर्वर’ ने लिखा है कि श्रीलंका के लिए कप इतने करीब पहुंचकर भी इतना दूर रहा जब टीम लगातार दूसरी बार उपविजेता बनी। समाचार पत्र ने हालाँकि श्रीलंका के छह विकेट पर 274 रन के स्कोर को चुनौतीपूर्ण करार दिया और जोरदार शतक के लिए उप कप्तान महेला जयवर्धने की तारीफ भी की। अखबार ने कहा कि गौतम गंभीर की 97 रन की साहसिक पारी ने भारतीय पारी को सँवारा, जिसके बाद श्रीलंका के लिए वापसी करना काफी मुश्किल हो गया था।

अधिकांश समाचा र-पत्रों ने पहले पन्ने पर शतकवीर जयवर्धने की तस्वीर को जगह दी जो फाइनल के दौरान श्रीलंका के लिए एकमात्र यादगार क्षण रहा।

‘लाकबिमा न्यूज’ ने पहले पन्ने पर तिलकरत्ने दिलशान और लसिथ मलिंगा को वीरेंद्र सहवाग के विकेट का जश्न मनाते हुए दिखाया है और लिखा है ‘आधा काम हो गया’।

‘संडे टाइम्स’ ने शीषर्क दिया है ‘भारत ने दूसरी बार विश्व कप जीता।’ ‘संडे आइलैंड’ ने शीषर्क दिया ‘भारत विश्व चैम्पियन बना, महेला के शतक के बावजूद श्रीलंका ने विश्व कप फाइनल गँवाया।’ जबकि ‘द नेशन आन संडे’ ने लिखा ‘हारे लेकिन शर्मसार नहीं’। (भाषा)

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