विश्व रिकॉर्ड के साथ लंका का विजय तिलक

Webdunia
शुक्रवार, 11 मार्च 2011 (00:40 IST)
PTI
तिलकरत्ने दिलशान (144) और उपुल तरंगा (137) के बीच 282 रन की ओपनिंग साझेदारी के नए विश्वकप रिकॉर्ड और फिर दिलशान की अँगुलियों के जादू (4 रन देकर 4 विकेट) से श्रीलंका ने जिम्बाब्वे को ग्रुप 'ए' मैच में 139 रन से रौंदकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।

दिलशान ने श्रीलंका को अपने हरफनमौला प्रदर्शन से एकतरफा जीत दिला दी। दिलशान और तरंगा की विश्व रिकॉर्ड साझेदारी से श्रीलंका ने छह विकेट पर 327 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। जिम्बाब्वे ने हालाँकि पहले विकेट के लिए 116 रन की साझेदारी की लेकिन इसके बाद दिलशान के कमाल से जिम्बाब्वे की पारी को सिमटने में ज्यादा समय नहीं लगा और पूरी टीम 39 ओवर में 188 रन पर लुढ़क गई।

दिलशान ने पहले तरंगा के साथ विश्वकप की रिकॉर्ड साझेदारी की और फिर तीन ओवर में मात्र चार रन पर चार विकेट लेकर जिम्बाब्वे को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया। विश्व रिकॉर्डधारी मुथैया मुरलीधरन ने भी अपना पूरा कमाल दिखाते हुए 34 रन पर तीन विकेट हासिल किए जबकि एंजेलो मैथ्यूज को 29 रन पर दो विकेट मिले।

श्रीलंका ने पाँच मैचों में इस तरह अपनी तीसरी जीत हासिल की और वह सात अंकों के साथ ग्रुप 'ए' में चोटी पर पहुँच गया जबकि जिम्बाब्वे को चार मैचों में तीसरी हार का सामना करना पड़ा है। ग्रुप ए में न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के चार-चार मैचों से छह-छह अंक हैं और ऑस्ट्रेलिया के तीन मैचों से पाँच अंक हैं।

ब्रैंडन टेलर (80) और रेजिस चकाब्वा (35) ने पहले विकेट के लिए 19.5 ओवर में 116 रन जोड़कर जिम्बाब्वे को जोरदार शुरुआत दी लेकिन पल्लेकेल मैदान पर आखिरी मैच खेल रहे मुरलीधरन ने जैसे ही चकाब्वा को अपनी 'दूसरा' पर बोल्ड किया उसके बाद तो जैसे जिम्बाब्वे की पारी का पतन हो गया।

तातेंदा तायबू (4) मैथ्यूज का शिकार बने और फिर मैथ्यूज ने टेलर को भी पैवेलियन का रास्ता दिखा दिया। टेलर ने 72 गेंदों की अपनी पारी में नौ चौके और एक छक्का लगाया। पार्टटाइम ऑफ स्पिन करने वाले दिलशान ने प्रास्पर उत्सेया (4) को स्टंप कराया, क्रेग इरविन (17) को पगबाधा किया और फिर ग्रेग लैंब (0) को महेला जयवर्द्धने के हाथों कैच करा दिया।

मुरलीधरन ने कप्तान एल्टन चिगुम्बुरा (6) को आउट किया। दिलशान ने तिनोश पन्यानगारा को पगबाधा कर अपना चौथा विकेट हासिल किया जबकि मुरलीधरन ने क्रिस एमपोफू को बोल्ड करते हुए जिम्बाब्वे की पारी 188 रन पर समेट दी। दिलशान को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए 'मैन ऑफ द मैच' घोषित किया गया।

इससे पहले तरंगा और दिलशान ने 44.4 ओवर में पहले विकेट के लिए 282 रन की साझेदारी की और पाकिस्तान के सईद अनवर और वजातुल्ला वस्ती का 1999 के विश्वकप में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में 194 रन की ओपनिंग साझेदारी का पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया।

वनडे क्रिकेट में किसी भी विकेट के लिए यह चौथी सबसे बड़ी साझेदारी है। भारत के सचिन तेंडुलकर और राहुल द्रविड़ के नाम 331 रन की साझेदारी का विश्व रिकॉर्ड है। दूसरे नंबर पर सौरव गांगुली और राहुल द्रविड के 318 रन हैं जबकि तरंगा और सनथ जयसूर्या 286 रन की साझेदारी के साथ तीसरे स्थान पर हैं।

तरंगा ने 141 गेंदों पर 133 रन की अपनी पारी में 17 चौके लगाए। दिलशान के बल्ले से 131 गेंदों में 16 चौकों और एक छक्के की मदद से 144 रन निकले। तरंगा का विश्वकप का यह पहला और कुल दसवाँ शतक था जबकि दिलशान का भी विश्वकप का यह पहला और कुल नौवाँ शतक है।

दिलशान और तरंगा ने जिम्बाब्वे के टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण करने के फैसले को गलत साबित करते हुए जबर्दस्त बल्लेबाजी की। दोनों के बीच 50 रन 39 गेंदों में, 100 रन 97 गेंदों में, 150 रन 25.4 ओवर में, 200 रन 33.4 ओवर में और 250 रन 41.3 ओवर में बने।

दिलशान ने अपना अर्द्धशतक 43 गेंदों में आठ चौकों और एक छक्के की मदद से पूरा किया जबकि तरंगा ने कुछ देर बार 67 गेंदों में छह चौकों की मदद से अपना अर्द्धशतक पूरा किया। दिलशान ने अपनी तूफानी बल्लेबाजी का सिलसिला जारी रखते हुए शतक 95 गेंदों में 12 चौकों और एक छक्के की मदद से पूरा कर लिया।

तरंगा ने बल्लेबाजी पावरप्ले लिए जाने के तुरंत बाद ही अपना शतक 122 गेंदों में 12 चौकों की मदद से पूरा कर लिया। तरंगा बल्लेबाजी पावर-प्ले के आखिरी ओवर में क्रिस एमपोफू की गेंद पर एल्टन चिगुम्बुरा को कैच थमा बैठे। यह विकेट गिरने के सात रन बाद ही दिलशान ने प्रास्पर उत्सेया की गेंद पर तिनाशे पेन्यंगारा को कैच थमा दिया।

इसके बाद तो श्रीलंका ने ताबड़तोड़ रन बटोरने की कोशिश में ताबडतोड अंदाज में विकेट गँवाए। तिषारा परेरा तीन, माहेला जयवर्द्धने नौ, एंजेलो मैथ्यूज शून्य और चामरा सिल्वा चार रन बनाकर आउट हो गए। एमपोफू ने 48वें ओवर की पहली गेंद पर जयवर्द्धने, तीसरी गेंद पर मैथ्यूज और आखिरी गेंद पर सिल्वा के विकेट झटक लिए।

श्रीलंका का स्कोर बिना कोई विकेट खोए 282 रन से देखते ही देखते छह विकेट पर 308 रन हो गया। कप्तान कुमार संगकारा ने नाबाद 11 और तिलन समरवीरा ने नाबाद आठ रन बनाए और श्रीलंका 327 तक पहुँच गया।

जिम्बाब्वे के एमपोफू ने श्रीलंकाई बल्लेबाजों की हड़बड़ाहट का पूरा फायदा उठाते हुए सात ओवर में 62 रन देकर चार विकेट लिए। रे प्राइस को 46 रन पर एक विकेट और उत्सेया को 50 रन पर एक विकेट मिला। जिम्बाब्वे के कप्तान चिगुम्बुरा ने अच्छी कैचिंग का प्रदर्शन करते हुए तीन कैच लपके। (वार्ता)

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