ट्रेनिंग के कुछ अच्छे दिन कई सामान्य सत्र से अच्छे : धोनी

Webdunia
सोमवार, 2 मार्च 2015 (19:14 IST)
पर्थ। भारतीय टीम के अनियमित सत्र ने भले ही कई लोगों को हैरान किया हो लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का मानना है कि क्रिकेट विश्व कप जैसे लंबे टूर्नामेंट में तरोताजा रहने के लिए छह दिन के ‘सामान्य सत्र’ से बेहतर तीन दिन की ‘कड़ी मेहनत’ वाली ट्रेनिंग है।
दक्षिण अफ्रीका और यूएई से हुए मुकाबलों के बीच के चार दिन में से भारतीय टीम ने दो दिन अभ्यास किया। वाका में शुक्रवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाले मुकाबले के पहले के पांच दिनों में से टीम दो दिन का इस्तेमाल ही अभ्यास के लिए करेगी। 
 
यूएई के खिलाफ मैच के बाद दैनिक नेट सत्र पर धोनी ने अपना नजरिया साफ करते हुए कहा था, हम काम के बोझ को बांटने का प्रयास कर रहे हैं, एक दिन छोड़कर अभ्यास करने की कोशिश कर रहे हैं। तीन दिन का कड़ा अभ्यास छह दिन के सामान्य अभ्यास से बेहतर है।
 
भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट श्रृंखला की शुरूआत से लगभग सभी स्थलों पर खेला है और कुछ हफ्तों में विकेट की प्रकृति में काफी बदलाव नहीं आने वाला जिसका मतलब है कि टीम को कोई विशेष रणनीति बनाने की जरूरत नहीं है।
 
धोनी ने कहा, अगर आप ऑस्ट्रेलिया दौरे में विश्व कप को भी शामिल कर लो तो यह चार से पांच महीने का दौरा होगा। अगर आप हालात की बात करें तो हमें हालात के बारे में सब कुछ पता है। हम लगभग सभी स्थलों पर खेले हैं इसलिए हमें पता है कि विकेटें कैसा बर्ताव करेंगी।
 
धोनी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि सात हफ्ते चलने वाले टूर्नामेंट के दौरान टीम मानसिक रूप से तरोताजा रहे। भारतीय कप्तान ने कहा, जब आप लगातार क्रिकेट खेल रहे हो तो नेट सत्र से अधिक महत्वपूर्ण आराम होता है, विशेषकर तब जब आप लंबी श्रृंखला खेल रहे हों। मानसिक रूप से तरोताजा रहना काफी महत्वपूर्ण होता है। हम इसका मिश्रण कर रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि जिस दिन हम अभ्यास नहीं करते उस दिन हम मैदान पर नहीं उतरे लेकिन हम जिम जाते हैं, पूल में उतरते हैं और कुछ टेनिस खेलने की कोशिश करते हैं- ये सभी चीजें खुद को तरोताजा रखने के लिए होती हैं। विश्व कप 2011 के दौरान भारतीय टीम सही समय पर अपने खेल के शीर्ष पर पहुंची थी और इस बार भी धोनी ऐसा ही करना चाहते हैं।
 
भारतीय कप्तान ने कहा, इस बार भी हम वैसा ही करने का प्रयास करेंगे लेकिन सब कुछ हमेशा योजना के अनुसार नहीं होता। जब नयी चुनौतियां सामने आती हैं तो आपको उनके लिए तैयार रहना होता है। अब तब हमारी सभी योजनाएं, अभ्यास सत्र, फिटनेस..सब कुछ हमारे लिए अच्छा रहा है। 
 
धोनी का ध्यान अब अपने प्रभावशाली प्रदर्शन में और सुधार करने और हासिल की गई लय को बरकरार रखने पर है। कप्तान ने कहा, जब हम नाकआउट चरण शुरू करेंगे तो हमें अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा और इसे बरकरार रखना होगा। (भाषा)
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