बहुत पुरानी बात है

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- गर्वित ा

ND
बहुत पुरानी बात ह ै
एक जंगल हुआ करता थ ा
जहाँ हुआ करता था वृक्षों का नृत्य
और ठंडी हवाओं के साथ पत्तों की जुगलबंद ी

उसी के पास गोरी-सी नदिय ा
नदी किनारे धुली हुई घा स
जैसे नदी अभी-अभी नहाकर आई ह ो
हवाओं में सुगंध घोलती हुई
फूलों की पत्तियाँ
और फूलों पर मंडराते हुए भँवरे ं
और पहाड़ जब भी
अपने हृष्ट-पृष्ठ बदन को पोंछता हुआ
नीचे देखता थातो धरती हरी चुनरिया से अपना मुँह ढाँक लेती थ ी
जब भी कोई प्रकृति की बात करता है
मुझे अकसर बुजुर्गो द्वारा सुनाई गई
ये पौराणिक कथा याद आती है।

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