वर्ष 2022 की इन घटनाओं के लिए याद रखा जाएगा मध्यप्रदेश
कूनो में दिखी चीतों की चपलता, उज्जैन में बना महाकाल लोक गलियारा
मध्यप्रदेश 2022 में उस वक्त पूरी दुनिया में सुर्खियों में रहा, जब यहां नामीबिया से लाए गए चीतों को श्योपुर जिले के कूनो बसाया गया। इसके अलावा, इस साल उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में 900 मीटर लंबा भव्य 'श्री महाकाल लोक' गलियारा भी बना। हालांकि आमतौर पर शांत समझे वाले प्रदेश पर खरगोन की हिंसा दाग लगा गई। इतना नहीं मुख्यंमत्री शिवराज यानी मामाजी भी नए 'अवतार' में दिखे। अपने तीखे तेवरों के कारण पूरे साल सुर्खियों में रहे।
कूनों में दिखी चीतों की चपलता : इस साल राज्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण घटना नामीबिया से 8 अफ्रीकी चीतों को एयरलिफ्ट करना और श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बसाना रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1952 में भारत में विलुप्त हुए चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने की परियोजना के तहत इन चीतों को 17 सितंबर को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक मंच से लीवर घुमाकर लकड़ी के पिंजरों के दरवाजे खोलकर विशेष बाड़ों में पृथक-वास में छोड़ा था।
इनमें से 5 मादा एवं 3 नर चीते हैं और अब इन सभी को नवंबर में पृथक-वास क्षेत्र से निकालकर बड़े बाड़े में स्थानांतरित कर दिया गया है। बड़े बाड़े में स्थानांतरित किए जाने के एक या दो महीने बाद इन चीतों को जंगल में स्वच्छंद विचरण के लिए छोड़ दिया जाएगा।
महाकाल लोक ने किया पर्यटकों को आकर्षित : मंदिरों की नगरी उज्जैन में श्री महाकाल लोक गलियारा का विकास भी 2022 में एक महत्वपूर्ण घटना रही। इस परियोजना से इस धार्मिक शहर में तीर्थयात्रियों की संख्या में काफी वृद्धि होने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 11 अक्टूबर को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में 900 मीटर लंबे श्री महाकाल लोक गलियारे का लोकार्पण किया था। कुल 856 करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना के पहले चरण में श्री महाकाल लोक को 351 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है।
देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर का मंदिर उज्जैन में स्थित है। यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। गलियारे के लिए दो भव्य प्रवेश द्वार-नंदी द्वार और पिनाकी द्वार बनाए गए हैं। यह गलियारा मंदिर के प्रवेश द्वार तक जाता है तथा मार्ग में मनोरम दृश्य पेश करता है।
इसमें 25 फुट ऊंची एवं 500 मीटर लंबी दीवार पर तस्वीरें बनाई गईं हैं। साथ ही 108 शिव स्तंभ, शिव की मुद्राओं सहित विविध प्रतिमाएं निर्मित हो चुकी हैं। कमल सरोवर, ओपर एरिया थियेटर बनाने तथा झील के सामने के क्षेत्र का सौंदर्यीकरण किए जाने के साथ ही ई-रिक्शा एवं आकस्मिक वाहनों के लिए मार्ग भी बनाए गए हैं। बड़े रुद्र सागर की झील में साफ पानी भरा गया है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि यह पानी स्वच्छ भी रहे।
श्री महाकाल लोक के दूसरे चरण में महाराजवाड़ा परिसर का विकास किया जाएगा, जिसमें ऐतिहासिक महाराजवाड़ा भवन का विरासत के रूप में पुन: उपयोग, कुंभ संग्रहालय के रूप में पुराने अवशेषों का समावेश कर महाकाल मंदिर परिसर से एकीकरण किया जाएगा। दूसरे चरण के कार्य 2023-24 में पूर्ण होंगे।
इंदौर ने लगाया स्वच्छता का छक्का : वर्ष 2022 में राज्य के इंदौर ने वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार छठी बार देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में अपना प्रथम स्थान बरकरार रखा।
राहुल की भारत जोड़ो यात्रा : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा ने 23 नवंबर को मध्यप्रदेश में प्रवेश किया और 12 दिनों की अवधि में 380 किलोमीटर की दूरी तय की और फिर राजस्थान की तरफ बढ़ गई। इस पदयात्रा को मध्यप्रदेश में लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली और भाजपा शासित राज्य में 2023 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं भी इसे लेकर उत्साहित दिखे।
हालांकि, मध्यप्रदेश भाजपा ने यात्रा का मजाक उड़ाते हुए कहा कि यह 'कांग्रेस छोड़ो' यात्रा है क्योंकि कन्याकुमारी से 7 सितंबर को शुरू होने के बाद से कई नेताओं ने उस पार्टी को छोड़ दिया है।
मामा ने दिखाए तीखे तेवर : इस साल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक से अधिक बार तीखे तेवर दिखाए। उन्होंने कई बार मंच से ही लापरवाह अधिकारियों को निलंबित कर दिया। रायसेन में एक कार्यक्रम के दौरान शिवराज ने कहा कि मामा आजकल खतरनाक मूड में है, भ्रष्टाचार हुआ तो किसी को छोड़ेगा नहीं।
मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शराब बंदी को लेकर अभियान चलाया। उन्होंने एक बार तो दुकान पर गोबर भी फेंक दिया। हालांकि उनके अभियान को ज्यादा सफलता नहीं मिली।
निकाय चुनावों में भी भाजपा ने दिखाया दम : इस साल हुए स्थानीय निकाय चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा ने दम दिखाया। 16 में से 9 निकायों में भाजपा, 5 में कांग्रेस, एक में आम आदमी पार्टी और एक में निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की। वहीं, नगर पालिकाओं में 76 में से 57 पर भाजपा ने और 18 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। पंचायतों के लिए हुए चुनाव में ज्यादातर स्थानों पर भाजपा ने बढ़त बनाई।
गायों लेकर भी रही चर्चा : इस वर्ष राज्य में गायें भी राजनीति का केन्द्र रहीं। मार्च 2022 में इंदौर के खुड़ैल थाना क्षेत्र के पेडमी गांव की अहिल्या माता गौशाला के निकट तालाब के पास सैंकड़ों मरी हुई गायें और उनके कंकाल मिले थे। इसको लेकर लंबे समय तक आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। राजधानी भोपाल के बैरसिया इलाके में भी इसी तरह की घटना हुई। लंपी वायरस को लेकर भी इस साल पशुपालकों में काफी खौफ रहा।
खरगोन की हिंसा ने लगाया दाग : वहीं, रामनवमी जुलूस के दौरान हिंसा के बाद खरगोन शहर में इस साल अप्रैल-मई में 24 दिनों के लिए कर्फ्यू लगाया था। इसके अलावा, 'सीरियल किलर' शिवप्रसाद धुर्वे (18) द्वारा प्रदेश के सागर एवं भोपाल शहरों में 28 अगस्त से एक सितंबर तक 5 दिनों में 4 चौकीदारों की हत्या करने का मामला भी सुर्खियों में रहा। घटना के वक्त ये चारों चौकीदार रात में ड्यूटी पर थे और सो रहे थे। बाद में आरोपी को भोपाल से गिरफ्तार किया गया।
इन हादसों ने किया दुखी : मध्यप्रदेश इस बार भी हादसों से अछूता नहीं रहा। जबलपुर में अस्पताल में 10 लोगों की झुसलने से मौत हो गई। वहीं, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हुई बस दुर्घटना में पन्ना जिले के 26 यात्रियों की मौत हो गई। धामनोद के निकट खलघाट पुल से बस के नदी में गिरने से 12 लोगों की मौत हो गई।
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का निधन : शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 11 सितंबर को 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 1950 में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती से दंड संन्यास की दीक्षा ली और स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती नाम से जाने जाने लगे। परिजनों ने उनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा था। (वेबदुनिया/एजेंसी)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala