Year Ender 2023 : MP में BJP को मिली शानदार चुनावी जीत, चीता सफारी की शुरुआत
भोपाल , शनिवार, 30 दिसंबर 2023 (23:27 IST)
Year Ender 2023 : मध्य प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने कांग्रेस को हराकर प्रदेश की सत्ता बरकरार रखी वहीं कुनो नेशनल पार्क (केएनपी) में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक चीता सफारी शुरू की गई।
भगवा पार्टी की शानदार जीत ने राज्य की राजनीति में शिवराज सिंह चौहान युग के अंत और नए नेता के रूप में मोहन यादव के आश्चर्यजनक उदय को भी देखा। खराब चुनावी प्रदर्शन के कारण कांग्रेस नेतृत्व ने अपनी राज्य इकाई के अध्यक्ष कमल नाथ की जगह युवा तुर्क जीतू पटवारी को नियुक्त किया। हालांकि पटवारी अपनी पारंपरिक राऊ सीट से चुनाव हार चुके थे।
देश में चीतों को पुनः बसाने की योजना के तहत केएनपी में चीता सफारी शुरू की गई है और यह काफी चर्चा में रही। वर्ष 2023 में मप्र में लाडली बहना योजना की भी शुरुआत हुई, जिसके तहत राज्य में हर महिला के बैंक खातों में 1250 रुपए प्रति माह जमा किए जाते हैं।
माना जाता है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई इस योजना ने अन्य कारकों के अलावा भाजपा की जीत में योगदान दिया है। चुनावों से पहले सीधी जिले में एक संदिग्ध भाजपा कार्यकर्ता द्वारा एक आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करने के वीडियो ने देशभर में आक्रोश पैदा कर दिया।
चौहान चुनावी वर्ष में नुकसान को रोकने के लिए तुरंत सक्रिय हो गए और उन्होंने कैमरे के सामने पीड़ित को अपने सरकारी आवास पर बुलाकर उसके पैर धोए। आरोपी प्रवेश शुक्ला को बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सितंबर में, एक 12 वर्षीय लड़की के साथ उज्जैन में बलात्कार और क्रूरता की घटना ने सब को उद्विग्न कर दिया।
नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों से पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई में शहडोल जिले के पकरिया गांव का दौरा किया और आदिवासी नेताओं और अन्य लोगों से बातचीत की। अगस्त में प्रधानमंत्री ने सागर जिले में रहस्यवादी कवि और समाज सुधारक संत रविदास को समर्पित 100 करोड़ रुपए के मंदिर-सह-स्मारक की आधारशिला रखी। 2023 के उत्तरार्ध में व्यस्त राजनीतिक गतिविधियां देखी गईं, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने जोरदार प्रदर्शन किया और लोगों को मोदी की गारंटी की पेशकश की।
टिकटों के वितरण के दौरान अपने सहयोगी दिग्विजय सिंह के कपड़े फाड़ने वाले बयान संबंधी तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ के एक वीडियो ने भी हलचल मचा दी थी। मोदी के विकास के मुद्दे और महिलाओं के बढ़े मतदान प्रतिशत के आधार पर भगवा पार्टी ने दिसंबर 2018 से मार्च 2020 तक 15 महीनों को छोड़कर, न केवल लगातार पांचवीं बार सत्ता बरकरार रखी, बल्कि कांग्रेस को पछाड़ते हुए कुल 230 सदस्यीय सदन में 163 सीटें हासिल कीं।
भारी चुनावी जीत की पृष्ठभूमि में चौहान के राजनीतिक भविष्य पर अटकलों के बीच भाजपा नेतृत्व ने उज्जैन से तीन बार के विधायक मोहन यादव को नया मुख्यमंत्री चुनकर आश्चर्यचकित कर दिया। यादव के शीर्ष पद पर पहुंचने से चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के युग का अंत हो गया, जो करीब दो दशकों तक राज्य की राजनीति पर हावी रहे।
उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के बाद 2003 से यादव भारतीय जनता पार्टी से राज्य के चौथे ओबीसी मुख्यमंत्री हैं। पीएचडी, एलएलबी और एमबीए की डिग्री रखने वाले नए मुख्यमंत्री को तलवारबाजी कौशल के लिए भी जाना जाता है। वह मध्य प्रदेश ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष और मप्र कुश्ती संघ के अध्यक्ष भी हैं।
भाजपा ने राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा को यादव के उप मुख्यमंत्री के रूप में चुना। दिमनी सीट से हालिया चुनाव जीतने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुना गया। कांग्रेस खेमे में राज्य इकाई प्रमुख के रूप में पटवारी और विपक्षी नेता के रूप में उमंग सिंघार की नियुक्ति ने मध्य प्रदेश में पार्टी में एक पीढ़ीगत बदलाव का संकेत दिया, जिसमें मुख्य रूप से नाथ, दिग्विजय सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी जैसे क्षत्रपों का वर्चस्व था। ओबीसी नेता पटवारी और नवनियुक्त विपक्षी नेता सिंघार, जो आदिवासी हैं, दोनों को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है।
केएनपी में एक और अफ्रीकी चीता, जिसका नाम पवन है, को एक बाड़े से बाहर ले जाया गया और जंगल में छोड़ दिया गया, जिससे जंगल में चीतों की संख्या चार हो गई। पिछले सितंबर में नामीबिया से स्थानांतरित पवन को केएनपी के नयागांव क्षेत्र में छोड़ा गया था जो पीपल बावड़ी पर्यटन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
चीता पुनरुत्पादन परियोजना के तहत, 17 सितंबर, 2022 को नामीबिया से आठ चीतों (पांच मादा और तीन नर) को स्थानांतरित किया गया और केएनपी में बाड़ों में रखा गया। इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते केएनपी पहुंचे। मार्च में नामीबियाई मादा चीते, ज्वाला के चार शावक पैदा हुए। अब तक तीन शावकों समेत नौ चीतों की विभिन्न कारणों से मौत हो चुकी है। (भाषा) Edited By : Chetan Gour
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