अस्थमा के लिए योग

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अस्थमा फेंफड़ों से संबंधित बीमारी है। अस्थामा में छाती और गला संवेदनशील रहता है। अस्थामा का मरीज, धूल, धुवां या ज्यादा कोल्ड वातावरण बर्दाश्त नहीं कर सकता। जहां ज्यादा ऑक्सिजन नहीं है वहां रहने में भी उसे तकलीफ होती है। योग से अस्थमा से छुटकारा पाया जा सकता है।

अस्थामा में जहां आसन लाभदायक हैं वहीं योग क्रियाओं में सूत्रनेती, जलनेती, बंध और मुद्राएं भी जबरदस्त रूप से असरकार सिद्ध हुई है।

योग आसन : आसनों की शुरुआत आप अंगसंचालन से करें। अंग संचालन में अभ्यस्त होने के बाद क्रमश: बैठकर सिद्धासन, वक्रासन, अर्ध मत्येंद्रआसन करें। शवासन में लेटकर पवन मुक्तासन और हलासन करें। मकरासन में लेटकर भुजंगासन और धनुरासन करें। खड़े रहकर पर्वतासन, कटिचक्रासन और फिर चाहें तो सूर्य नमस्कार भी कर सकते हैं, सभी आसनों के विलोम आसन जरूर करें।

प्राणायम योग : प्राणायम में शुरुआत में अच्छे से अनुलोम-विलोम का अभ्यास करें और फिर इसके बाद किसी योग चिकित्सक से पूछकर कपालभाती और भस्त्रिका प्राणायम का अभ्यास कर सकते हैं।

मुद्रा योग : योग मुद्राओं में तड़ागी, अग्नि, गोरक्ष मन, प्रणाम, हस्तपात और महामुद्रा करना चाहिए।
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