आंखों के लिए 'देव ज्योतिमुद्रा योग'

Webdunia
मंगलवार, 7 अगस्त 2012 (17:39 IST)
हाथों की 10 अंगुलियों से विशेष प्रकार की आकृतियां बनाना ही हस्त मुद्रा कही गई है। हाथों की सारी अंगुलियों में पांचों तत्व मौजूद होते हैं जैसे अंगूठे में अग्नि तत्व, तर्जनी अंगुली में वायु तत्व, मध्यमा अंगुली में आकाश तत्व, अनामिका अंगुली में पृथ्वी तत्व और कनिष्का अंगुली में जल तत्व।
 
जो व्यक्ति योगासन और प्राणायाम करने में अक्षम है उसके लिए हस्त मुद्राएं उपयो‍गी साबित हो सकती है बशर्ते की वह इसे नियमित करें। यह प्रस्तुत है नेत्र रोग में लाभदायक 'देव ज्योति मुद्रा' का परिचय।
 
इसका लाभ : देव ज्योतिमुद्रा सभी तरह के नेत्र रोग में लाभदायक सिद्धि हुई है। इस मुद्रा को करने से कम दिखना, आंखों में जाला और सूजन आदि जैसे रोग दूर हो जाते हैं। जिन बच्चों को कम उम्र मे ही चश्मा लग चुका हो वो अगर रोजाना देव ज्योतिमुद्रा का अभ्यास करें तो उनका चश्मा उतर सकता है।
 
मुद्रा विधि : अपने हाथ की तर्जनी अंगुली को मोड़कर अंगूठे की जड़ में लगाने से देव ज्योतिमुद्रा बन जाती है। यह कुछ कुछ वायु मुद्रा जैसी है। लगभग 40-60 सेकंड तक आप इसी मुद्रा में रहने का अभ्यास करें। सुबह-शाम चार से 6 बार कर सकते हैं।
 
- वेबदुनिया डेस्क

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

क्या आपको भी पसंद है चाय के साथ नमकीन खाना? सेहत को हो सकते हैं ये 5 नुकसान

ऑफिस के लिए 5 best corporate outfit ideas, जानिए किन आउटफिट्स से मिलेगा परफेक्ट प्रोफेशनल लुक

खाने के बाद चबाएं एक पान का पत्ता, सेहत को मिलेंगे ये 7 गजब के फायदे

अपने नाखूनों की देखभाल करने के लिए, अपनाएं ये बेहतरीन Nail Care Tips

सूप पीने से पहले रखें इन 5 बातों का ध्यान, सेहत को मिलेंगे 2 गुना फायदे!

सभी देखें

नवीनतम

आंखों को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो इन 4 चीजों को जरूर करें अपनी डाइट में फॉलो

प्रेगनेंट महिलाओं के लिए गजब हैं शकरकंद के फायदे, ऐसे करें डाइट में शामिल

स्किन के लिए बेहद फायदेमंद होता है शहद, जानिए ये गजब के Honey Skincare Tips

मौलिक बाल कहानी : 'मैं डाकू नहीं बनूंगी'

भारत की Coral Woman उमा मणि, मूंगा चट्टानों के संरक्षण के लिए दादी बनने की उम्र में सीखी डाइविंग

अगला लेख